नुक्सान की पूर्ति
आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने कार्यकाल के सात मास पूर्ण कर लिये हैं। इस काल के दौरान उसने अनेक फैसले लिये हैं तथा बहुत-से प्रशासनिक पग उठाए हैं जिनके संबंध में भिन्न-भिन्न पक्षों की अपनी-अपनी राय हो सकती है। अपने इस काल के दौरान उसने विगत सरकारों के समय में हुए भ्रष्टाचार को दृष्टिगत रख कर भी अनेक राजनीतिज्ञों तथा अफसरशाहों के विरुद्ध कार्रवाई की है। इससे एक प्रकार से हड़कम्प मचा हुआ दिखाई देता है। भगवंत मान ने पंजाब के मुख्यमंत्री का पद सम्भालते ही भ्रष्टाचार को नकेल डालने के लिए कठोर पग उठाने की घोषणा भी की थी। जहां तक रिश्वतखोरी एवं भ्रष्टाचार का संबंध है, ये दुर्गुण प्रदेश की रग-रग में प्रविष्ट हो चुके हैं।
नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सभी तत्कालीन सरकारों ने इन दुर्गुणों को जड़ से उखाड़ने के लिए बयान दिये परन्तु वे इस संबंध में बहुत कुछ कर पाने में असमर्थ रहीं। मिलावटखोरी, धोखाधड़ी तथा अन्य प्रकार के कब्ज़े जनजनीवन का हिस्सा ही बन चुके हैं। इनकी लपेट में आज बड़ी सीमा तक बहुत-से छोटे-बड़े कर्मचारी तथा अधिकारी आये दिखाई देते हैं। चाहे आज अधिकतर काम कम्प्यूटरों के माध्यम से अथवा डिजिटल तकनीक के उपयोग के दृष्टिगत ऑनलाइन होते हैं जिसके कारण घपलों की सम्भावानाएं कम हो जाती हैं परन्तु सम्बद्ध व्यक्तियों की ओर से इसका कोई अन्य ढंग-तरीका निकाल ही लिया जाता है परन्तु आश्चर्य उस समय होता है जब लोगों के माध्यम से निर्वाचत प्रतिनिधि ऐसे कार्यों में रत हो जाते हैं। अब जिस प्रकार बारी-बारी से बड़े से बड़े घोटालों के मामले सामने आ रहे हैं, उससे तो यही प्रभाव मिलता है कि मौजूदा राजनीति अतीव दूषित हो चुकी है। लोगों के प्रतिनिधियों का कर्त्तव्य जन-कल्याण एवं लोगों के कार्य करना न रह कर प्रत्येक ढंग-तरीके से अपनी लालसाओं को पूर्ण करना बन गया है।
विगत सरकार के समय के अब तक सामने आए भ्रष्टाचार के मामलों में उस सरकार के तीन मंत्री घेरे में आ चुके हैं जिन्होंने वनों से लेकर अनाज की आवाजाही एवं जन-जीवन में नित्य-प्रति के कार्यों में आने वाली वस्तुओं को भी नहीं छोड़ा। पिछले दिनों कांग्रेस सरकार के समय के उद्योग मंत्री की ओर से पुलिस अधिकारियों को भारी राशि रिश्वत के रूप में देने का मामला सामने आने ने प्रत्येक व्यक्ति को हैरान कर दिया है। नि:संदेह प्रदेश के लिए ऐसा घटनाक्रम अत्याधिक परेशानी वाला है। विगत कांग्रेस सरकार से पूर्व की सरकारों पर भी ऐसे ही आरोप लगते रहे हैं जिन्होंने नदियों की रेत एवं बजरी तक को भी नहीं छोड़ा था। उनकी छत्रछाया तले शराब एवं अन्य कई प्रकार के माफिया तैयार हो गये थे तथा अनेकानेक नशों के व्यापारी भी पैदा हो गये थे। अनेक प्रकार के ऐसे माफियाओं से सम्बद्ध लोगों के नकली धंधों के कारखाने भी पकड़े गये थे।
यही कारण था कि निरन्तर पिछली सरकारों से तंग आए लोगों ने किसी तीसरे विकल्प के बारे में सोचना शुरू किया था जो उन्हें ऐसे दुर्गुणों से निजात दिलाने के समर्थ हो सके। जहां हम आम आदमी पार्टी की सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई की प्रशंसा करते हैं, वहीं उसे सचेत करना भी अपना कर्त्तव्य समझते हैं कि वह स्वयं भी इस पक्ष से पूर्ण संकोच बनाए रखे। पिछले दिनों से कुछ ऐसे समाचार मिलने लगे हैं जो चिन्ता उत्पन्न करने एवं आम आदमी पार्टी को छवि को धुंधला करने वाले हैं। इसलिए नई सरकार से प्रत्येक पक्ष से सचेत होकर पूरी पहरेदारी का कार्य किये जाने की आशा की जानी चाहिए जो लोगों के भीतर अच्छी उम्मीद पैदा करने के समर्थ हो सके क्योंकि पंजाब एवं पंजाबियों का प्रत्येक पक्ष से पहले ही इतना नुक्सान हो चुका है जिसकी शीघ्र पूर्ति नहीं हो सकेगी।
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द