परीक्षा के दिनों में इन बातों का रखें ध्यान

परीक्षा कैसी भी हो, बिना सही तैयारी और मार्गदर्शन के इसमें सफल होना संभव नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप परीक्षा को अपने ऊपर हावी कर लें। इससे न तो सही तैयारी हो पाएगी और न ही मिल पाएगी सफलता। यदि आप छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर तैयारी करेंगे तो परीक्षा में भी अव्वल आएंगे।
सिर्फ परीक्षा ही नहीं, किसी भी काम में सफलता पाने के लिए टाइम मैनेजमेंट बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए सबसे पहले अपनी दिनचर्या का एक टाइम टेबल अवश्य बना लें। दिन के चौबीस घंटों में से सोने, खाने और खेलने के घंटे बांट लें। अब जितने भी घंटे बचे हैं, उन्हें अपनी पढ़ाई के विषयों के लिए बांट लें। जिस विषय में आपकी कम दिलचस्पी है या आप जिसमें वीक हैं, उस विषय के लिए कुछ अधिक समय रखें। कोशिश करें कि अपने बनाए टाइम टेबल के अनुसार प्रतिदिन पढ़ें। ऐसा नहीं कि किसी विषय का समय कम करके मस्ती करने लगें। हर विषय को समय दें, ऐसा न हो कि प्रिय विषय को खूब पढ़ा और किसी दूसरे को छोड़ दिया।
परीक्षा के दिनों में सोच-समझ कर खाना खाएं। ज्यादा घी-तेल वाला भोजन आलस्य लाता है। एक बार ही भर पेट खाना खाने की अपेक्षा थोड़े-थोड़े अंतराल पर खाएं, क्योंकि पूरा दिन तो बैठे-बैठे पढना होता है। ऐसे में शरीर की अपेक्षा दिमाग को ज्यादा एनर्जी चाहिए। दूध, सूखे मेवे, सूप आदि लें। नींद भगाने के लिए बच्चे एक के बाद एक चाय या कॉफी न लें या कम से कम मात्रा में लें। नींद आने लगे तो अपनी स्टडी टेबल से उठकर दूसरे कमरे या बरामदे तक चक्कर लगा लें। ताजा कटा सलाद व ताजे फल ज्यादा खाएं। ध्यान रखें कि इन दिनों संतुलित व पौष्टिक आहार ही लें।  एक-दूसरे को याद करके सुनाने से पाठ अच्छा याद होता है। ग्रुप स्टडी के कई फायदे होते हैं, जैसे आपको कोई विषय की जानकारी नहीं है, अगर आपके दोस्त को उससे संबंधित जानकारी है, तो आप बिना परेशान हुए उस विषय को समझ सकते हैं। परीक्षा के हौवे के कारण कोई टीवी की देखना बंद कर देता है तो कोई खेलना ही बंद कर देता है पर पूरी तरह खेलने व टीवी देखने पर बैन न लगाएं। मनोचिकित्सकों का भी कहना है कि काफी पढ़ चुकने के बाद ब्रेक लेना ज़रूरी है। 
(विभूति फीचर्स)

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