चैंपियंस ट्राफी में भारत व पाकिस्तान का मुकाबला रोमांचक होगा!
आठ साल बाद चैपियंस ट्राफी की अंतर्राष्ट्रीय मंच पर फिर से वापसी हुई है, जिसमें आठ टीमें एक-दूसरे को परास्त करके चैंपियन बनने का प्रयास करेंगी। यह चैंपियंस ट्राफी का 9वां सत्र होगा। पाकिस्तान व दुबई में 19 फरवरी से 9 मार्च तक खेली जा रही इस प्रतियोगिता में टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया है, जिसमें से ग्रुप ‘ए’ तो ऐसा लग रहा है जैसे कि एशिया कप खेला जा रहा हो, क्योंकि इसमें भारत, पाकिस्तान व बांग्लादेश को एक साथ रख दिया गया है, जबकि चौथी टीम न्यूज़ीलैंड है। हालांकि आईसीसी की प्रतियोगिताओं (चाहे एकदिवसीय विश्व कप हो या टी-20 विश्व कप) में हमेशा से ही भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबलों में भारत का पलड़ा भारी रहा है, लेकिन चैंपियंस ट्राफी एकमात्र ऐसी प्रतियोगिता है, जिसे इंग्लैंड 2017 के फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को हराकर जीता, जबकि ग्रुप मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से पराजित किया था। इसलिए इस बार की चैंपियंस ट्राफी में 23 फरवरी को जो भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला ग्रुप स्तर पर होगा उस पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं। भारत अपने सारे मैच दुबई में खेलेगा चूंकि उसने पाकिस्तान का सफर करने से इंकार कर दिया था।
हालांकि क्रिकेट में भविष्यवाणी करना बेवकूफी होती है क्योंकि छोटे फॉर्मेट में कब कौन बैटर या गेंदबाज़ अपने रंग में आकर मैच का रुख पलट दे, कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन फॉर्म व मनोविज्ञान के एतबार से भारत अधिक मज़बूत दिखायी दे रही है और इसलिए चैंपियंस ट्राफी उठाने की प्रबल दावेदार भी है। भारत ने जिस तरह हाल ही में इंग्लैंड जैसी मज़बूत व बाज़ बॉल क्रिकेट खेलने वाली टीम को एकदिवसीय श्रृंखला में 3-0 से पराजित किया, उससे उसके अच्छे फॉर्म का अंदाज़ा लगाया जा सकता है, विशेषकर इसलिए भी कि शुभम गिल, श्रेयस अय्यर के साथ ही अब तो दिग्गज बैटर्स रोहित शर्मा व विराट कोहली का बल्ला भी चलने लगा है। फिर आईसीसी प्रतियोगिताओं में भारत के सामने पाकिस्तान अक्सर ही मनोवैज्ञानिक दबाव में रहता है। भारत ने 11 आईसीसी प्रतियोगिताएं जीती हैं जबकि पाकिस्तान ने केवल पांच। सीनियर स्तर पर भारत के पास 6 आईसीसी ट्राफी हैं (2 एकदिवसीय विश्व कप, 2 टी-20 विश्व कप और 2 चैंपियंस ट्राफी), जबकि पाकिस्तान के पास 3 ट्राफी हैं (1 एकदिवसीय विश्व कप, 1 टी-20 विश्व कप और 1 चैंपियंस ट्राफी)। आईसीसी विश्व कपों में दोनों देशों के बीच 15 मुकाबले हुए हैं, जिनमें से भारत ने 14 जीते हैं। एकदिवसीय विश्व कपों में भारत पाकिस्तान के विरुद्ध 8-0 से आगे है। पाकिस्तान को सिर्फ 1 टी-20 में जीत मिली थी। चैंपियंस ट्राफी में भारत व पाकिस्तान पांच बार आमने सामने आये हैं, जिनमें नतीजे 3-2 से पाकिस्तान के पक्ष में रहे हैं।
अब देखना यह है कि 23 फरवरी के कड़े मुकाबले में क्या होगा? पहले दोनों टीमों की ताकत, कमज़ोरी, अवसर व खतरे का अंदाज़ा कर लेते हैं। भारत का बल्लेबाज़ी क्रम वंशावली व पॉवर से भरा हुआ है, जिसमें विराट कोहली, रोहित शर्मा, श्रेयस अय्यर व शुभम गिल जैसे स्टार बैटर्स तो मौजूद ही हैं, साथ ही बल्लेबाज़ी में गहराई भी है। हरफनमौला खिलाड़ियों जैसे हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल व रविन्द्र जडेजा की मौजूदगी से टीम को संतुलन भी मिलता है। फिर कुलदीप यादव व वरुण चक्रवर्ती के रूप में मज़बूत स्पिन अटैक भी है। भारत की कमज़ोरी ये है कि जसप्रीत बुमराह चोटिल हैं, उनकी अनुपस्थिति तेज़ गेंदबाज़ी में एक खालीपन महसूस कराती है। मुहम्मद शमी अभी अपनी चोट से पूरी तरह से उभरे नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद अनुभव की कमी वाले तेज़ अटैक का सारा बोझ उन्हीं के ऊपर है। रोहित व विराट की निरंतरता पर भी चिंताएं हैं, हालांकि इंग्लैंड के विरुद्ध रोहित के शतक व विराट के अर्द्धशतक से कुछ उम्मीद अवश्य बंधी है। दूसरी ओर शुभम गिल व श्रेयस अय्यर के लिए अवसर है कि वह खुद को मुख्य बैटर्स के रूप में टीम में स्थापित करें। दुबई में खेलना भारत के लिए ऐसा है जैसे वह घर पर खेल रहे हों। लेकिन खतरा यह है कि मोहम्मद शमी व कुलदीप यादव चोटों से उभरकर लौट रहे हैं, इसलिए वह फिटनेस की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। आईसीसी प्रतियोगिताओं के नॉक आउट स्टेज में चूकने का भी भारत का इतिहास है।
मेज़बान के रूप में पाकिस्तान को परिचित स्थितियों व उत्साही स्थानीय दर्शकों का लाभ होगा। शाहीन शाह अफरीदी के नेतृत्व में पाकिस्तान के पास मज़बूत गेंदबाज़ी है। कप्तान मुहम्मद रिज़वान व सलमान अली आगा अच्छे फॉर्म में हैं। पाकिस्तान के मध्यक्रम में दोनों अनुभव व प्रतिभा है। पाकिस्तान की सबसे बड़ी कमज़ोरी यह है कि हाल के वर्षों में बाबर आज़म का फॉर्म अच्छा नहीं रहा है। दूसरे सलामी बैटर फखर ज़मान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने का प्रयास कर रहे हैं। दबाव में पाकिस्तान का टॉप आर्डर चरमरा जाता है। उनकी फील्डिंग भी अच्छी नहीं है। दूसरी ओर सलमान आगा, अबरार अहमद, कामरान गुलाम के लिए अवसर है कि वह अंतर्राष्ट्रीय मंच पर खुद को स्थापित करें। पाकिस्तान के सामने खतरा यह है घर पर खेलने से ज़बरदस्त दबाव आ जाता है, जिससे बड़े मंच पर खेलते हुए खिलाड़ियों में घबराहट भी आ सकती है। केवल एक विशेषज्ञ स्पिनर का होना खतरे की घंटी है, हालांकि सलमान आगा व खुशदिल शाह भी स्पिन कर सकते हैं, लेकिन वह सिर्फ पार्ट-टाइम गेंदबाज़ हैं। दोनों टीमों की समीक्षा करने के बाद यह अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है कि 23 फरवरी को मुकाबला दिलचस्प व रोमांचक होगा, लेकिन थोड़ा सा पलड़ा भारत का ही भारी रहेगा।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर