मुनीर के कंधे पर बंदूक किन्तु निशाना कहीं और दिखता है

तथाकथित सुपर पावर अमरीका का हैरान करने वाला व्यवहार यह नहीं है कि वह पाकिस्तान जैसे आतंकवाद को निर्यात करने वाले देश के एक मामूली से जनरल को अपने राष्ट्रपति के साथ लंच पर बिठाता है। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि जो पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसीम मुनीर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कई घंटों तक बंकर में छिपा रहा था, वही जनरल आसीम मुनीर अमरीका में जाकर हिंदुस्तान के खिलाफ ज़हर उगल रहा है और वह भी उस ट्रम्प के शासनकाल में जो प्रधानमंत्री मोदी को अपना दोस्त बताते हैं। आज के पहले कभी भी पाकिस्तान की दुनिया के किसी वैश्विक मंच पर इतनी हिम्मत नहीं पड़ी कि वह सरेआम भारत से 1971 का बदला लेने के ताल ठोके। उसी पाकिस्तान का एक सैन्य अफसर अमरीका में भारत के विरूद्ध अनर्गल प्रलाप कर रहा है और अमरीका उसे यह सब कुछ करने दे रहा है। कहीं यह आसीम मुनीर के कंधे पर बंदूक रखकर अमरीका की भारत पर की जाने वाली निशानेबाजी तो नहीं है? अन्यथा आज तक अमरीका में जाकर पाकिस्तान के किसी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के मुंह से भी ऐसी हिमाकत नहीं की गई। 
गौरतलब है कि बीते 18 जून, 2025 को पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसीम मुनीर ने न केवल राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ लंच टेबल शेयर की, बल्कि उसके बाद अपने कई दूसरे कार्यक्रमों में भारत के विरुद्ध ज़हर की उल्टियां भी कीं। जिस पाकिस्तान ने दुनिया में सबसे ज्यादा सैनिकों के साथ भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था, उसी पाकिस्तान का जनरल न सिर्फ बदला लेने की बात कर रहा है बल्कि बिना किसी डर के भारत को तोड़ने की भी बात कर रहा है जबकि सब जानते हैं कि पिछले कई सालों से पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने आर्थिक मदद की गुहार लगाता फिर रहा है। भारत को तोड़ने की धमकी देने वाले मुनीर को शायद पता नहीं है कि पाकिस्तान के खजाने में सिर्फ  एक महीने के आयात बिल को अदा करने के डॉलर हैं। अगर वह पाकिस्तान-भारत के साथ एक हफ्ते भी युद्ध कर लेगा, तो न केवल उसके लिए आयात के बिल चुकाने मुश्किल होंगे बल्कि पहले से ही जो सात किस्म के विदेशी कज़र् में डूबा है, उनकी एक किस्त भी नहीं दे पायेगा। इसके बाद भी अगर पाकिस्तानी जनरल अमरीका की सरजमीं में भारत को तोड़ने की बात करने की हिमाकत कर पा रहा है, तो कहीं न कहीं अमरीका द्वारा उसे दी जा रही शह ही लग रही है।
अमरीका में रह रहे पाकिस्तानी प्रवासियों और पाकिस्तान मूल के लोगों को संबोधित करते हुए जनरल मुनीर ने अमरीका में वही हरकत दोहरायी, जो अप्रैल माह में उसने इस्लामाबाद में की थी। अपने वतन के लोगों को संबोधित करते हुए आसीम मुनीर ने कहा कि पिछले दिनों चार दिनों के संघर्ष में पाकिस्तान ने भारत को धूल चटा दी जबकि पूरी दुनिया जानती है कि केवल 12 घंटे के भारतीय वायु सेना के दबदबे से बिलबिलाकर पाकिस्तान ने युद्धविराम करने की गुहार लगायी थी। ‘द डोन’ अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मुनीर ने पाकिस्तानी मूल के लोगों को अमरीका में संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान 1971 की हार को कभी नहीं भूलेगा और इसका जवाब जल्द से जल्द देगा। यही नहीं इस बड़बोले अफसर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान हर समय भारत की किसी भी कार्रवाई का जवाब देने में सक्षम है। पाकिस्तान के एक सीनियर पत्रकार एजाज सैयद ने अपने एक टॉक शो में आसीम मुनीर के भाषण के कुछ हिस्सों को लेते हुए कहा कि भारत को तोड़ कर 1971 का बदला लिया जाएगा। वाशिंगटन में रह रहे एक और पाकिस्तानी नागरिक नोमान मुगल ने भी दावा किया कि मुनीर के मुताबिक पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर भारत के खिलाफ जंग लड़ी है। 
ट्रम्प पिछले एक महीने के भीतर कम से कम 13 बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया जबकि भारत ने एक बार भी अमरीका के राष्ट्रपति के इस बयान की तसदीक नहीं की और लगातार भारत के प्रधानमंत्री और विभिन्न मंत्री तथा सैन्य अफसर बार-बार दोहराते रहे हैं कि भारत ने पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने पर युद्ध रोका है और जब 13 बार गलतबयानी के बाद भी ट्रम्प नहीं रूक रहे थे तो अंतत: प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनके साथ हुई फोन वार्ता में स्पष्ट कर दिया कि भारत किसी की मध्यस्थता नहीं चाहते और यह भी भारत ने जो ऑपरेशन स्थगित किया है, वह सिर्फ पाकिस्तान के अनुरोध पर स्थगित किया है, खत्म नहीं हुआ। इसके बाद तो खुद झखमारकर ट्रम्प ने भी कहा कि भारत किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा, लेकिन इसी दौरान जिस तरह ट्रम्प और उनके कई मंत्री व अधिकारी नये सिरे से पाकिस्तान को भाव देने की कोशिश कर रहे हैं। बार बार यह दोहरा रहे हैं कि आतंकवाद की लड़ाई में पाकिस्तान उनका बहुत बड़ा सहयोगी है। 
उसके पीछे दो ही मकसद हैं। एक तो भारत को काबू में करने की जब ट्रम्प अपनी कोशिशों में सफल नहीं हो रहे, तो वह खिसियाकर पाकिस्तान को उकसाकर भारत को यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर वह उनके इशारे पर नहीं चलेगा, तो अमेका पाकिस्तान से गलबहियां डालेगा और दूसरा मकसद इस मामूली से सैन्य अधिकारी को सिर पर चढ़ाने का यह है कि जल्द ही अमरीका, ईरान के खिलाफ किसी ज़मीनी कार्रवाई के लिए पाकिस्तान के सैन्य बेस इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। महज इन दो वजहों के लिए अमरीका कुटिल खेल खेलते हुए भारत को अपनी सरजमीं से नीचा दिखाने की हरकत करने की छूट एक मामूली से सैनिक को दे रहे हैं। 
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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