स्वतंत्रता दिवस का सन्देश
15 अगस्त को भारत ने अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरे उत्साह से मनाया। वर्ष 1947 को देश के स्वतंत्र होने के साथ देश के विभाजन और उस समय भोगा गया संताप मानवीय याद में कभी भूलने वाला नहीं है। पंजाब और बंगाल ने मुख्य रूप में इस विभाजन का संताप झेला है। इस त्रासदी के गृह युद्ध में लाखों ही लोग मारे गए और लाखों ही घर से बेघर होकर उजड़ गए, उन शरणार्थियों की गाथा बेहद दु:खदायी है। अब तक इस अमिट याद संबंधी लाखों ही पृष्ठ लिखे जा चुके हैं। समय के व्यतीत होने से भी वह याद धूमिल नहीं हुई। पीढ़ी-दर-पीढ़ी इसका स़फर जारी है। सदियों के मानवीय स़फर में विश्व भर में फैले औपनिवेशवाद ने अनेकों ही कड़वी यादें छोड़ी हैं। इसका क्रूप चेहरा अभी तक मानवीय मन-मस्तिष्क में कायम है।
पिछले 78 सालों में भारत ने प्रत्येक क्षेत्र में विकास किया है। विशेष रूप से टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में तो इसने नए आयाम स्थापित किए हैं। चाहे अभी तक देश भर में ़गरीबी का प्रसार देखा जा सकता है, जिसे प्रत्येक स्थिति में खत्म करना हमारी सरकारों के लिए अहम कर्म बनना चाहिए। अनेकों सीमाओं और खटकती कमियों के बावजूद भारत का लोकतांत्रिक स़फर निरन्तर जारी है। चाहे आर्थिक क्षेत्र में अभी भी बेहद असंतुलन दिखाई देता है, जिसे दूर करना भी हमारी सरकारों का बड़ा फज़र् होना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस के समय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और अन्य नेताओं की ओर से उन स्थितियों और महत्त्वपूर्ण नुक्तों को भी अधिक उभारा गया, जिनमें से आज देश गुज़र रहा है और जिन्हें भारतीयों ने भोगा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जहां भारत के आत्म-निर्भर होने के मिशन की प्रशंसा की, वहीं प्रत्येक तरह के स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहन देने की बात भी की है। यह भी कि आगामी समय में देश दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्ति बनने जा रहा है। राष्ट्रपति ने अपने भाषण में पहलगाम दु:खांत का भी ज़िक्र किया है। इसी तरह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पिछले 22 अप्रैल को घटित हुए पहलगाम के दु:खद घटनाक्रम का ज़िक्र करते हुए भारत की ओर से इसकी प्रतिक्रिया में 7 मई के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ज़िक्र किया और यह भी कहा कि इसमें ज्यादातर टैक्नोलॉजी स्वदेशी ही इस्तेमाल की गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लम्बे भाषण में देश की आत्म-निर्भरता और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का विशेष रूप से ज़िक्र किया। उन्होंने लाल किले की प्राचीर से कहा कि लड़ाकू जैट इंजन से लेकर भारत पहली सैमी कंडक्टर चिप बनाने की ओर भी बढ़ रहा है और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में इसने 10 गुणा विस्तार किया है। मोदी ने भारत को प्रत्येक पक्ष से विकसित राष्ट्र बनाए जाने हेतु वर्ष 2047 का लक्ष्य रखा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में पाकिस्तान की ‘एटमी ब्लैकमेल’ की आलोचना की है और सिंधू जल संधि को खत्म करने संबंधी फिर कहा कि ‘खून और पानी’ एक साथ नहीं बह सकते।
लाल किले की प्राचीर से अपना 12वां भाषण देकर श्री नरेन्द्र मोदी इंदिरा गांधी से आगे निकल गए हैं। भारत के सिर्फ पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ही स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्राचीर से 17 भाषण दिए थे। नि:संदेह आज भारत को पाकिस्तान के साथ-साथ चीन से भी ़खतरा है। अब अमरीकी राष्ट्रपति द्वारा टैरिफ बढ़ाये जाने के कारण देश को कठिनाई में से गुज़रना पड़ सकता है परन्तु देश में पैदा हुआ आत्म-विश्वास उन्हें दृढ़ता से आगे ले जाने के लिए सहायक होगा। आर्थिक रूप से मज़बूत होने के साथ-साथ भारत को सही अर्थों में लोकतांत्रिक देश बनाने के लिए भी हमारे राजनीतिज्ञों को अपना पूरा समर्पण और प्रतिबद्धता दिखाने की ज़रूरत होगी।
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द