इंग्लैंड में कैसे पहुंचे शून्य से शिखर तक प्रसिद्ध कृष्णा
हाल ही में सम्पन्न हुई भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट श्रृंखला के लीड्स टेस्ट की पहली पारी में प्रसिद्ध कृष्णा ने अपने 20 ओवर में 128 रन देकर 3 विकेट लिए थे। उनकी इकोनॉमी दर प्रति ओवर 6.4 रही जो किसी भी भारतीय गेंदबाज़ के लिए सबसे खराब है, जिसने टेस्ट की एक पारी में 120 गेंद या उससे अधिक डाली हों। उनसे पहले यह शर्मनाक रिकॉर्ड वरुण एरन के नाम था, जिन्होंने दिसम्बर 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5.91 के इकोनॉमी दर से 23-1-136-2 की गेंदबाज़ी की थी। लीड्स टेस्ट में प्रसिद्ध की मैच इकोनॉमी दर 6.28 (35-0-220-5) किसी भी भारतीय गेंदबाज़ की तुलना में सबसे खराब रही, जिसने मैच में 200 से अधिक रन दिये हों लेकिन जैसे-जैसे इंग्लैंड के विरुद्ध श्रृंखला आगे बढ़ती रही, प्रसिद्ध की गेंदबाज़ी में सुधार आता गया और वह बेहतर गेंदबाज़ी करते रहे। ओवल टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 62 रन देकर चार विकेट लिए और फिर दूसरी पारी में भी 126 रन देकर 4 विकेट लिए, इस तरह उन्होंने 4.37 की इकोनॉमी दर से मैच में 188 रन देकर 8 विकेट लिए, जोकि उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट प्रदर्शन है।
गौरतलब है कि ओवल टेस्ट में ऐसा पहली बार हुआ जब भारत के तेज़ गेंदबाज़ों ने दोनों पारियों में 4-4 विकेट लिए- मोहम्मद सिराज ने पहली पारी में 4 व दूसरी पारी में 5 विकेट लिए। इस लिहाज़ से देखें तो ओवल टेस्ट में भारत की 6 रन से शानदार, ऐतिहासिक व अविश्वसनीय जीत में प्रसिद्ध का योगदान भी किसी से कम नहीं था। दूसरे शब्दों में इंग्लैंड में प्रसिद्ध की गेंदबाज़ी का सफर शून्य से शिखर तक का रहा। बराबर (2-2) छूटी इस श्रृंखला में प्रसिद्ध ने कुल 14 विकेट लिए, जोकि जसप्रीत बुमराह के 14 विकेट के बराबर ही थे। इसके बावजूद इंग्लैंड की धरती पर श्रृंखला (जो जीत सी प्रतीत होती है) बराबर करने की सुर्खियां प्रसिद्ध को वैसी नहीं मिलीं जैसी शुभम गिल, मोहम्मद सिराज, ऋषभ पंत, केएल राहुल व यशस्वी जायसवाल के हिस्से में आयीं। वैसे इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि प्रसिद्ध का लिटमस टेस्ट तो इस साल के अंत में आयेगा, जब वह घरेलू स्थितियों में गेंदबाज़ी करेंगे।
इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि ओवल में प्रसिद्ध का प्रदर्शन उनके करियर को परिभाषित करने वाला रहा जो उन्हें भारत के कुलीन तेज़ गेंदबाज़ी क्लब (बुमराह, मोहम्मद शमी व सिराज) में शामिल कर सकता है। कर्नाटक के इस 29 वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ के लिए इंग्लैंड का दौरा आग में तपकर कुंदन बनने वाला रहा। शुरुआत इतनी खराब रही कि प्रसिद्ध हर जगह गेंद फेंक रहे थे, जिससे श्रृंखला के पहले तीन टेस्ट में उनकी हर आठवीं गेंद सीमा के पार भेजी जा रही थी। भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य लम्बे कद के गेंदबाज़ों की तरह प्रसिद्ध शोर्ट ऑ़फ द लेंथ गेंद करते हैं और डेक को इस उम्मीद में हार्ड हिट करते हैं कि परेशान करने वाला उछाल मिल जायेगा। इंग्लैंड की सपाट पिचों पर उनकी यह रणनीति बेअसर रही, बैटर्स को मालूम हो गया कि वह क्या गेंद करने वाले हैं। भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ संजीव शर्मा ने बताया, ‘इंग्लैंड में शुरुआती टेस्ट्स में प्रसिद्ध सही लेंथ हिट करने के लिए संघर्ष करते रहे। वह तेज़ गेंद तो डाल रहे थे लेकिन काफी छोटी डाल रहे थे, जिससे इंग्लैंड के बैटर्स उनकी गेंदों को आसानी से पुल या फ्लिक कर रहे थे।’
इसके बावजूद टीम प्रबंधन ने उनमें विश्वास दिखाया और उन्हें अंतिम महत्वपूर्ण टेस्ट की प्लेयिंग इलेविन में शामिल किया। प्रसिद्ध ने अपने चयन को न्यायोचित साबित किया और ओवल टेस्ट की जीत में अहम भूमिका अदा की। व्यक्तिगत तौर पर प्रसिद्ध के लिए यह सब आसान न था। उन्हें अपनी आदत के विपरीत जाकर अपनी मसल-मेमोरी को बदलना था। इंग्लैंड में गेंद को ऊपर पिच करना होता है ताकि बैटर को ड्राइव के लिए आमंत्रित किया जा सके। प्रसिद्ध को ओवल में आठ विकेट इसलिए मिले; क्योंकि वह अपनी लेंथ को होशियारी से बदल रहे थे। यह वास्तव में प्रशंसनीय रहा क्योंकि उन्हें शोर्ट बॉल करने की आदत है। इसका अर्थ है कि प्रसिद्ध का इंग्लैंड में एक गेंदबाज़ के रूप में विकास हुआ है। उनके विश्वास में भी वृद्धि हुई है और अब वह कुलीन क्लब का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। ओवल के चौथे दिन जैकब बेथल का विकेट और पांचवें दिन जोश टंग का विकेट उन्होंने वास्तव में अच्छी व समझदारी भरी गेंदों के ज़रिये लिए।
प्रसिद्ध अच्छे गेंदबाज़ बन गये हैं। अब ज़रूरत यह है कि वह निरंतरता के साथ अच्छी गेंदबाज़ी करें और अलग-अलग स्थितियों के अनुरूप अपने आपको ढालें। महीनों तक चोटिल रहने के बाद प्रसिद्ध ने इंग्लैंड में मानसिक परिपक्वता का भी परिचय दिया। अब देखना यह है कि वह भारत में कैसा प्रदर्शन करते हैं, जहां उनकी शैली की गेंदबाज़ी के लिए आदर्श नहीं हैं। भारत में उनके प्रदर्शन से ज़ाहिर होगा कि वह सभी स्थितियों में टीम का अटूट हिस्सा बने रह सकते हैं या नहीं। गृह सीजन ही प्रसिद्ध का लिटमस टेस्ट होगा, तब तक ओवल में उनके प्रदर्शन का जश्न मनाते रहिये।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर