जार में गुब्बारा

बच्चो! क्या आप जानते हो कि एयर प्रेशर या हवा का दबाव इतना शक्तिशाली होता है कि गुब्बारे को भी जार के अंदर खींच सकता है। गुब्बारा और जार एयर प्रेशर प्रयोग इतना दिलचस्प है कि आपको मालूम हो जायेगा कि एयर प्रेशर किस तरह से काम करता है। आप यह ध्यान रखें कि एयर प्रेशर वह बल होता है जो हमारे इर्दगिर्द की हर चीज़ पर डालती है। इस प्रयोग में आप देखेंगे कि किस तरह एयर प्रेशर में बदलाव के कारण गुब्बारा जार के अंदर खींच लिया जाता है। दरअसल, जब हम जार के अंदर आग जलाते हैं तो वह हवा को गर्म कर देती है और ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर लेती है। आग बंद होने के बाद हवा ठंडी हो जाती है और जार के अंदर कम हवा रह जाती है। इससे जार के अंदर व बाहर के प्रेशर में अंतर आ जाता है, जिससे गुब्बारा जार के अंदर खींच लिया जाता है। इस प्रयोग के लिए हमें जो चीज़ें चाहियें वह हैं- गुब्बारा, जार, माचिस या लाइटर, लम्बी स्ट्रिप में कटा हुआ कागज़, कैंची और कुप्पी।
सबसे पहले कुप्पी के ज़रिये गुब्बारे में एक-चौथाई पानी भर दो और उसमें हवा भी भर दो जब तक कि वह आधा भर जाये। गुब्बारे का मुंह बांध दो ताकि हवा व पानी उसमें से बाहर न निकले।
दूसरे चरण में जार के अंदर हीट उत्पन्न करनी है। इसके लिए कागज़ को कैंची से लम्बी स्ट्रिप में काट लें। फिर एक स्ट्रिप में माचिस से आग लगा दें और जलते हुए कागज़ को जार के अंदर रख दो। अब गुब्बारे को जार के मुंह पर रख दो। आग के जलने से जार के अंदर की ऑक्सीजन इस्तेमाल हो जाती है और जब आग बुझ जाती है तो जार के अंदर की हवा ठंडी हो जाती है और एयर प्रेशर कम हो जाता है। गुब्बारा एक-रास्ता वाले वाल्व की तरह काम करता है और हवा उसके थोड़े से हिस्से को जार के अंदर खींच लेती है। यह प्रयोग हमें बताता है कि ऑक्सीजन के न होने से और जार के अंदर की हवा ठंडी होने से एयर प्रेशर कम हो जाता है, जबकि जार के बाहर एटमोस्फियरिक प्रेशर गुब्बारे पर दबाव डालता है और गुब्बारा जार के अंदर खींचने लगता है।
गौरतलब है कि हवा निरंतर हम पर हर तरफ से दबाव डालती रहती है। इसी दबाव को एटमोस्फियरिक प्रेशर कहते हैं। इस प्रयोग में आग बुझने के बाद जार के अंदर कम प्रेशर हो गया था जबकि जार के बाहर अधिक प्रेशर था। बाहर का यह अधिक प्रेशर गुब्बारे को जार के अंदर धकेल रहा था।
नई हवा बनाम कम हवा। जब जार के अंदर आग जल रही थी, तो उसने हवा को गर्म कर दिया था, जिससे कुछ हवा फैलकर बाहर निकलने का प्रयास करती है। जलने के दौरान आग ऑक्सीजन का भी इस्तेमाल कर लेती है। आग बुझने के बाद हवा ठंडी हो जाती है, लेकिन ऑक्सीजन के इस्तेमाल होने के कारण उसकी मात्रा कम हो जाती है। इससे जार के अंदर प्रेशर कम हो जाता है। जार के मुंह पर रखा गुब्बारा वाल्व का काम करता है और जार के अंदर की हवा को बाहर नहीं निकलने देता। लेकिन गुब्बारे पर बाहर की हवा का दबाव उसे जार के अंदर धकेलती है। 
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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