अंग्रेजी माध्यम स्मार्ट स्कूलों ने दुविधा में डाला पंजाब

फाज़िल्का, 25 मार्च(दविन्द्र पाल सिंह): अंग्रेजी माध्यम स्मार्ट स्कूलों में दाखिले को लेकर पूरा पंजाब और शिक्षा विभाग दुविधा में है। कुछ समय पहले शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने 393 सीनियर सैकेंडरी स्कूलों के प्रमुखों को बुलाकर आदेश दिए थे कि अपने स्कूल वापस पहुंचते ही दाखिलों के लिए रैलियां निकालो, बैठकें करो, प्रचार करो और दाखिले के लिए दिन रात एक कर दो ताकि प्राइवेट अंग्रेजी स्कूलों को टक्कर दी जा सके। ये स्मार्ट स्कूल पहले से ही अच्छे चल रहे पंजाबी माध्यम वाले सीनियर सैकें डरी स्कूलों में ही शुरू किए जाने हैं। इन पुराने स्कूलों में एक तरफ 1 सैक्शन 6वीं कक्षा से दसवीं कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम में कक्षाएं शुरू की जानी हैं। जानकारी के अनुसार शर्त मुताबिक अभी तक किसी स्कूल में न ही नईं इमारत बनी है और न ही बुनियादी ढांचा मुहैया नहीं करवाया गया। योजना अनुसार 217 स्कूल ही स्मार्ट बनने हैं। मगर अभी तक ज़िला शिक्षा अधिकारी व स्कूल प्रमुख को इस बात का पता नहीं है कि 393 स्कूलों में से 176 स्कूल स्मार्ट नहीं बन रहे। 
स्मार्ट स्कूलों की सूची जारी नहीं की गई
शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार सोशल मीडिया पर स्कूल प्रमुखों से लगातार सम्पर्क में रहते हैं। मगर अभी तक उनकी तरफ से स्कूल प्रमुखों को यह नहीं बताया गया कि 217 स्मार्ट स्कूलों की सूची कौन सी है। इसके विपरीत 393 स्कूलों के प्रमुख ही रैलियां निकाल रहे हैं, प्रचार भी कर रहे हैं मगर इस दुविधा में हैं कि अगर उनका स्कूल स्मार्ट स्कूल में न आया तो वह लोगों को क्या मुंह दिखाएंगे। बेशक बजट में सरकार द्वारा 393 स्कूलों के लिए 50 करोड़ रुपए रखे गए हैं, वह भी ऊंट के मुंह में जीरे वाली बात है। 
पुस्तकें भी अभी स्कूलों में नहीं पहुंचीं
सूत्रों अनुसार स्मार्ट स्कूलों के लिए अंग्रेजी माध्यम वाली किताबें अभी तक किसी स्कूल में नहीं पहुंचीं। स्कूल मुखी और जनता शिक्षा सचिव की तरफ देख रही है कि असली सूची कब जारी होगी और कब दाखिले होंगे। अगर स्थिति ज्यों की त्यों ही बनी रही तो दाखिलों का काम प्रभावित हो सकता है।