महिलाएं भी कोरोना वैक्सीन के प्रति हों जागरूक 

महिला का परिवार, समाज और देश के विकास के लिए स्वस्थ होना बहुत आवश्यक है। इसीलिए एक स्वस्थ महिला ही दूसरों को कोरोना जैसी महामारी के प्रति जागरूक कर सकती है। इसे एक वर्ष से ऊपर का समय हो गया है और पूरा विश्व इसकी चपेट में आ गया है। लोगों का जीवन थम-सा गया है और अधिकतर लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इसकी रोकथाम के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो गई है। इसीलिए प्रत्येक महिला की ज़िम्मेदारी बनती है कि घर में जो भी 45 वर्ष से ऊपर हों उन्हें इस वैक्सीन को ज़रूर लगवाने के लिए प्रेरित करें और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें। यह वैक्सीन हर तरह से सुरक्षित है। 
भारत में दो तरह की वैक्सीन दी जा रही है। एक कोवीशील्ड और कोवैक्सिन। एक वैक्सीन हमारे शरीर को कोरोना बीमारी से लड़ने के लिए हमारे शरीर में एंटी बॉडी बनाती है जो बीमारी के बाहरी हमले से हमारे शरीर को लड़ने में सहायता करती है। इसका कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है। इसीलिए बिना किसी हिचकिचाहट के इस वैक्सीन को लगवाना चाहिए। शूगर, हाई ब्लड प्रैशर, मोटापे के शिकार, सांस और दिल के रोगी भी इस वैक्सीन को लगवा सकते हैं, लेकिन टीका लगवाने से पहले डाक्टर का परामर्श ज़रूरी लेना चाहिए। किसी तरह का फ्लू हो तो फ्लू और कोरोना का टीका एक ही बार में नहीं लगवाना चाहिए।  यह भी आवश्यक है कि जो टीका पहली बार में लगेगा वही दूसरी खुराक के रूप में भी लगेगा। जिनका किसी भी तरह का आप्रेशन हुआ है उन्हें टीका लगवाने के लिए गुरेज़ करना चाहिए।  जो महिलाएं गर्भवती हैं वह भी अपने डाक्टर की सलाह से टीका लगवा सकती हैं। जो महिलाएं कोरोना वैक्सीन की दो खुराकें ले चुकी हैं उन्हें भी दोबारा टीका नहीं लगवाना चाहिए। हैल्थ केयर सैंटर की ओर से दिये गये निर्देशों को ज़रूर अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए। यदि पहली खुराक लेने से एलर्जी आदि की समस्या सामने आये तो दूसरी खुराक लेने से बचें या फिर अपने डाक्टर की सलाह लें। महिलाएं इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चों को इस महामारी से बचाने के लिए अभी वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती। इसके लिए उन्हें मास्क का इस्तेमाल करवाएं, बार-बार हाथ धुलवाएं और सैनेटाइज़र का प्रयोग करने संबंधी बताएं। जो कि प्रत्येक मां की ज़िम्मेदारी है।
देश में कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा ़खतरनाक है। नये मामले और मृत्यु दर लगातार बढ़ती जा रही है। इसीलिए प्रत्येक महिला का इसके प्रति जागरूक और सावधान होना बहुत ज़रूरी है। थोड़ी-सी लापरवाही जीवन पर भारी पड़ सकती है। भीड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज़ करना चाहिए। बच्चों को स्वास्थ्य और उनके खान-पान के साथ-साथ उनकी तरफ इस महामारी के दौरान अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। घर में बैठे बच्चे चिड़चिड़े हो गये हैं। मां के रूप में उन्हें एक मित्र की आवश्यकता है जिसे वह दिल खोल कर अपनी समस्या संबंधी बता सकें। महामारी की दूसरी लहर को रोकने के लिए जागरूक और शिक्षित महिला वैक्सीन लगवाने के साथ-साथ दूसरों को भी टीका लगवाने के लिए प्रेरित करें और महामारी को रोकने के लिए बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करने का परामर्श दे। इस तरह के प्रयासों से महिलाएं टीकाकरण अभियान को तेज़ी से चलाने में अहम भूमिका निभा सकती है। -मो. 98782-49944