पूरे विश्व का मार्ग दर्शन करने वाला महाद्वीप  यूरोप


धरती के सात महाद्वीपों में से यूरोप दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है। तकरीबन 10 मिलीयन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस महादीप को भौगोलिक तौर पर चार उप-क्षेत्रों उत्तरी यूरोप, दक्षिण यूरोप, पश्चिम यूरोप और पूर्वी यूरोप में बांटा जा सकता है। समूचे तौर पर धरती के उत्तरी अर्ध गोले में स्थित इस इलाके में 75 करोड़ के करीब लोग रहते हैं, जोकि विश्व की समुची आबादी का 10 प्रतिशत बनता है। वर्तमान मानव की संस्कृति की जन्म भूमि माने जाने वाला यूरोप आज विश्व की राजनीतिक और आर्थिक शक्ति का केन्द्र कहा जा सकता है। भौगोलिक तौर पर यूरोप उत्तर द्वारा आर्कटिक महासागर, पश्चिम की तरफ से अटलांटिक महासागर, दक्षिण द्वारा भूमध्य सागर और पूर्व द्वारा एशिया से घिरा हुआ है। रूस और कजाकिस्तान में से निकलता यूराल पर्वत, यूराल नदी और कैस्पियन सागर यूरोप को एशिया से अलग करते हैं। यूरोप के पश्चिम हिस्से की ज्यादातर जलवायु समुद्री है। और यहां बादल बने रहने के कारण आम तौर पर ठंड रहती है या फिर मौसम सुहावना बना रहता है। दक्षिण यूरोप में गर्मियां शुष्क और तपश वाली तथा सर्दियां हल्की ठंडी होती हैं। केन्द्रीय और पूर्वी यूरोप में गर्मियां तपश वाली और सर्दियां काफी ठंडी होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के पक्ष से पूरे यूरोप का तीन चौथाई हिस्सा ईसाई धर्म से संबंधित है और यूरोप की कुल आबादी का तकरीबन 5वां हिस्सा किसी भी धर्म के साथ संबंध नहीं रखता है। यहां यह जानने की जरूरत है कि विभिन्न राजनीतिक संस्थाओं द्वारा अलग-अलग तरीकों के साथ यूरोप की सीमा की परिभाषा दी गई है। उदाहरण के तौर पर ‘कौंसिल ऑफ यूरोप’ संस्था यूरोप में 47 देशों को शामिल करती है और ‘यूरोपीय क्लचरल कनवैंशन’ इसमें 50 देशों को शामिल करती है, परन्तु अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं द्वारा आम स्वीकार की जाती परिभाषा अनुसार यूरोप में 50 स्वतंत्र देश हैं। यह सारे या तो संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य या फिर संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल एसैंबली द्वारा ऑब्जर्वर भाव ‘निरीक्षक’ का दर्जा दिए देश हैं। यूरोप का सबसे बड़ा देश रूस है जिसका कुछ हिस्सा यूरोप और बाकी हिस्सा एशिया में आता है। यूरोप की संस्कृति पुरातन यूनान और रोम की सभ्यताओं से विकसित हुई है। यूरोप के कुछ देशों द्वारा इलाके की तरक्की के लिए सन् 1948 में ‘कौंसिल ऑफ यूरोप’ नामक संगठन की प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसको आज कल ‘यूरोपियन यूनियन’ कहा जाता है। इसकी रस्मी शुरूआत 9 मई, 1950 को की गई, जिसके सदस्यों की संख्या 6 से बढ़कर आज 27 हो गई है। वर्णनीय है कि उक्त यूनियन के एक अहम सदस्य ब्रिटेन ने 31 जनवरी, 2020 को यूरोपियन यूनियन से अपने आपको अलग कर लिया था। यूरोप के देशों द्वारा आपसी व्यापार करने के लिए ‘यूरो’ नामक सांझी करंसी प्रयोग की जाती है। यूरोप में कुछ ऐसे देश भी हैं जिनका कुछ हिस्सा एशिया में आता है। ऐसे देशों को अंतर महाद्वीपीय देश कहते हैं। इनकी उदाहरणें हैं रूस और तुर्की। इसके अलावा आरमीनिया, एज़रबाईजान, जार्जिया और कजाकिस्तान एशियाई देश हैं जिनका कुछ हिस्सा यूरोप में आता है।
17वीं और 18वीं शताब्दी के यूरोप में ‘चानण का युग’ नामक लहर के तहत एक बड़ी सामाजिक तबदीली देखी गई थी। इस लहर के तहत वहां के विद्वानों द्वारा चर्च को राजनीतिक कामकाज से अलग रखकर राज्य के सरकारी काम संविधान के आधार पर चलाने की बात कही गई थी। इसके अलावा 18वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटेन में आई औद्योगिक क्रांति ने पहले यूरोप और फिर बाद में पूरे विश्व में औद्योगिक और आर्थिक तरक्की के रास्ते खोल दिए थे।
20वीं शताब्दी में यूरोप ने अपनी धरती पर 2 विश्व युद्ध भी देखे थे, पहला सन् 1014-18 में और दूसरे सन् 1939-45 दौरान। यूरोप के ज्यादातर हिस्से में खेलें योजनाबद्ध और पेशेवाराना तरीके के साथ आयोजित की जाती हैं। फुटबाल और टैनिस यहां की लोकप्रिय खेलें हैं। कुछ देशों में क्रिकेट को पसंद किया जाता है। यूरोप में कई बड़े-बड़े शहर हैं, जैसे ब्रिटेन में लंदन (जनसंख्या 9 मिलीयन), फ्रांस में पैरिस (जनसंख्या 2 मिलीयन), रूस में मास्को (जनसंख्या 13 मिलीयन), जर्मनी में बर्लिन (जनसंख्या 4 मिलीयन) और इटली का शहर रोम (जनसंख्या 3 मिलीयन) है। तुर्की देश का इस्तांबुल शहर यूरोप का सबसे बड़ा शहर है। जिसकी जनसंख्या तकरीबन 15 मिलीयन है। इस शहर की विशेषता यह है कि इसके 65 प्रतिशत नागरिक यूरोप में रहते हैं और 35 प्रतिशत के करीब नागरिक एशिया में रहते हैं। यूरोप में जर्मनी, रूसी, फ्रैंच, अंग्रेजी, स्पैनिश, तुर्की और इटैलियन भाषाएं बोली जाती हैं। अलग-अलग देशों के अलावा यूरोप में अनेक टापू (चारों तरफ से पानी के साथ घिरा ज़मीनी इलाका) जैसे नोवाया, आईसलैंड, मालटा, ब्रिटिश, आईलस और साईप्रस आदि मौजूद हैं, जिनमें बड़ी मात्रा में खनिज पदार्थ उपलब्ध हैं।
फिनलैंड में अनेक स्थानों पर बर्फ पिघलने के साथ कई झीलें बनती हैं जिसके कारण फिनलैंड को ‘झीलों की धरती’ भी कहा जाता है। यूरोप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी ‘माऊंट एलबर्स’ है। यूगोस्लाविया, यूनान, रोमानिया और अलबानिया को मिलाकर बने देशों के समूह को ‘बालकन देश’ और लियूआनिया, लातविया और एस्टोनिया को मिलाकर ‘बालटिक देश’ कहा जाता है। नार्वे, स्वीडन, आईसलैंड और डैनमार्क के समूह को ‘स्कैंडीनाविया’ कहा जाता है। यूरोपीय महाद्वीप की एक बड़ी विशेषता यह भी है कि इसमें विश्व की प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थाएं उपस्थित हैं जैसे कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, लंदन स्कूल ऑफ इक्नॉमिक्स, इम्पीरियल कालेज ऑफ लंदन, मास्को यूनिवर्सिटी, किंग्ज़ कालेज ऑफ लंदन, बर्लिन यूनिवर्सिटी, जर्मनी में स्थित टैक्नीकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख आदि। स्मरण रहे कि यह वह शैक्षणिक संस्थाएं हैं जहां विश्व की प्रसिद्ध शख्सियतों के साथ-साथ भारत के रामानुजन, होमी. जे. भाबा, राहुल बजाज, डा. मनमोहन सिंह, आदी गोदरेज और रतन टाटा जैसी महान हस्तियों ने भी विद्या हासिल की है और अपने-अपने क्षेत्र में बढ़िया प्राप्तियां की हैं।
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