गोताखोर पानी के अंदर कैसे देखते हैं ?

थोड़ी देर के लिए मान लीजिये कि आप लम्बे समय तक पानी के अंदर रह सकते हैं और वहां अपनी आंखें भी खोल रख सकते हैं। तो क्या आप पानी के अंदर कुछ देख सकेंगे?
‘हां, चूंकि पानी पारदर्शी होता है इसलिए कोई चीज़ हमें वहां देखने से रोक नहीं सकती, जिस तरह से हम हवा में देखते हैं वैसे ही पानी में भी देख लेंगे।
गलत। कारण बताने से पहले मैं आपको अनिल कपूर की फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ के बारे में कुछ बताता हूं, जिसे जनता ने खूब पसंद किया था। इस फिल्म में अनिल कपूर को एक ऐसी घड़ी मिल जाती है जिसे पहनने के बाद वह किसी को दिखायी नहीं देते, लेकिन वह सबको देख लेते हैं। फिजिक्स के नियमों के अनुसार इस फिल्म की यही सबसे बड़ी कमी थी। अदृश्य व्यक्ति या इनविजिबल मैन इसलिए दिखायी नहीं देता, क्योंकि उसकी आंखों सहित उसके शरीर का हर अंग पारदर्शी हो जाता है और उसका रेफ्रक्टिव इंडेक्स हवा के रेफ्रक्टिव इंडेक्स जितना हो जाता है। समान रेफ्रक्टिव इंडेक्स होने के कारण रोशनी अपनी दिशा नहीं बदलेगी, नतीजतन उसकी किरणें एक बिंदु पर एकाग्र नहीं होती। इनविजिबल मैन की आंखों से लाइट बिना रुकावट के पास हो जायेगी, उसकी किरणें न रिफ्लेक्ट होती हैं और न ही रेफ्रक्ट होती हैं, क्योंकि कोई पिगमेंट है ही नहीं। इसलिए इनविजिबल मैन को न कोई देख सकता है और वह भी किसी को नहीं देख सकता। दरअसल, ‘मिस्टर इंडिया’ में इनविजिबल मैन बनकर अनिल कपूर ने सबको धोखा दिया। 
पानी के अंदर हम खुद को इनविजिबल मैन की तरह अंधा ही पायेंगे और कुछ भी नहीं देख सकेंगे। इनविजिबल मैन और हवा का रेफ्रक्टिव इंडेक्स समान होने के कारण इनविजिबल मैन हवा में कुछ नहीं देख सकता। पानी के अंदर भी यही बात होती है। पानी का रेफ्रक्टिव इंडेक्स 1.34 होता है और मानव आंख के पारदर्शी मीडिया का रेफ्रक्टिव इंडेक्स भी 1.34 होता है। इसलिए पानी के अंदर किरणों का फोकस रेटिना के काफी पीछे बनता है, जिससे अति धुंधली छवि बनती है। इसका अर्थ यह है कि कमज़ोर निगाह वाला व्यक्ति ही पानी के अंदर अधिक या कम देख सकता है।
क्या बड़े रेफ्रक्टिव इंडेक्स वाले चश्मे का इस्तेमाल करके पानी के अंदर रहते हुए देखा जा सकता है? साधारण लेंस से काम नहीं चलने का क्योंकि उसका रेफ्रक्टिव इंडेक्स 1.5 होता है, जोकि पानी के रेफ्रक्टिव इंडेक्स 1.34 से मामूली ही अधिक है और पानी में वह बहुत कमज़ोर साबित होगा। दरअसल, पानी में देखने के लिए ऐसे विशेष चश्मों की ज़रूरत होती है जिनका रेफ्रक्टिव इंडेक्स बहुत अधिक हो, मसलन, लगभग 2 होना चाहिए। गोताखोर इसी प्रकार के विशेष चश्मे प्रयोग करते हैं। 
अब आपको एहसास हो गया होगा कि मछली का क्रिस्टलाइन लेंस अति कांकावे (अवतल) क्यों होता है। उसका रेफ्रक्टिव इंडेक्स सभी पशु आंखों में सबसे अधिक होता है। अगर ऐसा नहीं होता तो मछली को अपने वातावरण में आंखों की ज़रुरत ही नहीं होती। 
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर