डॉक्टर की पहचान स्टेथोस्कोप

बच्चो कुछ ऐसी पहचानें हैं जो पौशाक से बनती हैं, उदाहरण के तौर पर वकील जिसकी पौशाक काला कोट, काली नेकटाई सफेद पैंट शर्ट। पुलिस एवं सैनिक की पहचान वर्दी। डॉक्टर की पहचान सफेद कोट, सिर पर हरी या सफेद टोपी और गले में लटका स्टेथोस्कोप। सन् 1816 में स्टेथोस्कोप का आविष्कार फ्रांसीसी डॉक्टर रेनी लेनेक ने किया। सन् 1828 में डाक्टर निकोलस कामिंस ने लचीले स्टेथोस्कोप बनाया। सन् 1851 में आयरलैंड के डाक्टर आर्थर लिर्यड़ ने दो लचीले रबर ट्यूब से दोनों कानों में लगाए जाने वाले सक्षम स्टेथोस्कोप का निर्माण किया। इसी मॉडल को एक साल बाद सन् 1852 में न्यूयार्क के जार्ज कॉम्मन ने सुधार कर पहले कामर्शीयल स्टेथोस्कोप का निर्माण किया जो वर्तमान में प्रयोग किया जा रहा है।  उपयोग :* स्टेथोस्कोप से हृदय और फेफड़े की ध्वनियों को सुना जा सकता है। धमनियों और शिराओं में होने वाले रक्त के प्रवाह को सुनने में भी इस यंत्र का प्रयोग होता है।  * स्फिग्मो मोनिटर के साथ इसके प्रयोग से ब्लड प्रैशर नापा जाता है। * (स्फिग्मोमेनो मीटर) इस वर्ष यानि 2016 में इस डाक्टरी आला को प्रयोग में आए 200 वर्ष हो जाएंगे। (एजेंसी)