सुरक्षित कल के लिए बहुत ज़रूरी है बचत

इसमें कोई दो राय नहीं है कि दुनिया में कोई भी इंसान अपने भविष्य को लेकर 100 फीसदी सुरक्षित नहीं है। चाहे कोई कितना ही बड़ा लोकप्रिय या पैसे वाला ही क्यों न हो? हर किसी को अपने सुरक्षित भविष्य के लिए खासकर आर्थिक तौर पर सुरक्षित भविष्य के लिए वर्तमान में बचत करना जरूरी होता है।  बचत करना एक कला है, आर्ट है, जो सीखनी पड़ती है और हममें से ज्यादातर उस कला को सीखते नहीं है और चाहते हैं कि बिना सीखे यह कला आ जाए, जो कि आती नहीं है। तो इस लेख में हम जानेंगे कि बचत करने की कला क्या है ..और इसे कैसे सीखें?
बचत करने की पहली कला तो यह है कि हम चाहे बहुत ज्यादा कमाते हों या बस ठीक ठाक कमाते हों या कम ही कमाते हों, लेकिन अगर हम बचत करने के लिए दृढ़ हैं तो किसी भी स्तर की कमायी में बचत कर सकते हैं। लेकिन सवाल है कि ज्यादातर लोग बचत क्यों नहीं कर पाते? दरअसल इसकी वजह यह है कि वे अपनी तनख्वाह या महीने की कमायी को लेकर सोचते हैं कि पहले महीने भर में जो खर्च होना हो, उसे हो जाने दे और जो बच जायेगा, उसे बचत में डाल देंगे। लेकिन यह फंडा कारगर नहीं होता है।
आप चाहे जितना कमाते हों,लेकिन अगर आप यह सोचेंगे कि महीने के अंत में जो बचेगा, उसे बचत खाते में डाल देंगे तो आप कभी बचत नहीं कर सकते। क्योंकि कुछ बचेगा ही नहीं। अगर थोड़ा बहुत कुछ बचा वह इतना कम होगा कि आप खुद ही नहीं चाहेंगे कि उसे बचत खाते में डालें। इसलिए बचत करने की कला सीखने का पहला पाठ है कि सैलरी मिलते ही सबसे पहले जितना कर सकते हैं,उतना जेनुएन पैसा अपने बचत खाते में डाल दें। तभी नियमित और सुनिश्चित बचत संभव है। बचत करने की कला का दूसरा महत्वपूर्ण पाठ यह है कि बचत करने को वैकल्पिक न रखें। बचत किये जाने को अनिवार्य बना दें और यह अनिवार्यता सिर्फ  मानसिक दृढ़ता तक सीमित न हो बल्कि अपनी बचत को एक ऑटोमेटिक तरीके से जोड़ दें। कहने का मतलब यह कि सेविंग को ऑटो कर दें, मसलन एक रैकरिंग डिपोजिट का खाता खोलें और उसे अपने बैंक के मुख्य खाते से जोड़ दें जहां सैलरी आती हो या जिसमें जमा करते हों। इससे बचत का रैकरिंग अमाउंट अपने आप कट जायेगा, तब आपको यह चयन की छूट नहीं होगी कि आप बचत करें या न करें ऐसे में आसानी से बचत हो जायेगी। बचत की कला सीखने का तीसरा महत्वपूर्ण पाठ यह है कि अपनी बचत को व्यवहारिक रखें यानी अगर आपकी तनख्वाह 10 हजार रुपये है तो आप उतने ही पैसे बचत करने के बारे में सोचे जितनी सहजता से हो सकती है,10 हजार में से 5000 रुपये महीने बचत की गैर व्यवहारिक प्लानिंग न करें, वरना इससे बचत के क्रम के टूटने की आशंका बनी रहेगी। एक और बात भी गांठ बांध लें कि जब भी बचत करें तो बचत करने का एक ठोस लक्ष्य हो मसलन अपनी हायर एजुकेशन के लिए बचत कर रही हैं या शादी के बाद अपना घर और गाड़ी खरीदने के लिए बचत कर रही हैं। अगर शादीशुदा हैं और बच्चे हैं तो अपनी बचत को बच्चों के स्पष्ट लक्ष्य से जोड़ें । इसलिए बचत करने की कला का एक जरूरी पाठ यह भी है कि बचत की वजह ठोस, व्यवहारिक और करीब करीब अनिवार्य हो।
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