टाटा से लेकर पटौदी तक से इश्क फरमाने वाली सिमी ग्रेवाल
साठ व सत्तर के दशकों की चर्चित अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल को अगर आपने उनके टीवी प्रोग्रामों में बॉलीवुड या हॉलीवुड की सेलेब्रिटीज़ को इंटरव्यू करते हुए या किसी अवार्ड फंक्शन में हिस्सा लेते हुए देखा होगा तो आपने यह बात अवश्य नोट की होगी कि वह हमेशा सफेद कपड़े पहने हुए ही दिखायी देती हैं। यह उनका सिग्नेचर स्टाइल है। सिमी सफेद कपड़े क्यों पहनती हैं, इसकी वजह तो किसी को मालूम नहीं है और उन्होंने भी कभी इस बारे में कुछ बताया नहीं है, लेकिन वह ‘द लेडी इन वाइट’ के नाम से विख्यात हो गई हैं। यह भी दिलचस्प है कि सिमी के कपड़े तो सफेद रहते हैं लेकिन उनकी प्रेम कहानियां खासी रंगीन हैं, जिन्हें छुपाने का उन्होंने कभी प्रयास भी नहीं किया बल्कि उन पर न सिर्फ खुलकर बोला बल्कि अपने पूर्व प्रेमियों को उन्होंने अपनी टॉक शोज़ में इंटरव्यू भी किया। ब्रेकअप के बाद भी उनकी अपने पूर्व प्रेमियों से अच्छी दोस्ती रही है।
एक्टर, निर्माता, निर्देशक व टॉक शो होस्टेस सिमी ग्रेवाल का जन्म लुधियाना, पंजाब में हुआ था। उनके पिता ब्रिगेडियर जेएस ग्रेवाल भारतीय सेना में थे। सिमी फिल्मकार यश चोपड़ा की पत्नी पामेला चोपड़ा की कज़न हैं। सिमी की मां दर्शी और पामेला के पिता मोहिंदर सिंह भाई बहन थे। सिमी की परवरिश लंदन में हुई और उन्होंने अपनी बहन अमृता के साथ न्यूलैंड हाउस स्कूल में शिक्षा प्राप्त की। इंग्लैंड में अपना बचपन गुज़ारने के बाद किशोरावस्था में सिमी भारत लौट आयीं। चूंकि उनकी कज़न पामेला का फिल्मी दुनिया से संबंध हो चुका था इसलिए सिमी को भी फिल्मी पार्टियों में जाने का अवसर मिला। इन पार्टियों में सिमी के अच्छे कद, सुंदरता व अंग्रेज़ी भाषा में महारत ने फिल्मकारों को प्रभावित किया। उन्हें अंग्रेज़ी फिल्म ‘टाज़र्न गोज टू इंडिया’ में फिरोज़ खान के साथ काम करने का अवसर मिला। 1962 में रिलीज़ हुई इस फिल्म में सिमी के काम को हर किसी ने पसंद किया और माया नगरी मुंबई में उन्होंने खुद को स्थापित कर लिया। सिमी ने अनेक महान निर्देशकों व एक्टर्स के साथ कामयाब फिल्में दीं, जैसे महबूब खान की ‘सन ऑफ इंडिया’ (1962), राज खोसला की ‘दो बदन’ (1966), दिलीप कुमार के साथ ‘आदमी’ (1968), राज कपूर के साथ ‘मेरा नाम जोकर’ (1970), सत्यजीत रे की ‘अरण्येर दिन रात्रि’ (1970), मृणाल सेन की ‘पदातिक’ (1973) आदि। इस सूची से बतौर अदाकारा उनके महत्व का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
सिमी अपने समय से आगे की साहसिक अभिनेत्री थीं। सिमी ने 1972 में हेर्मन हेस्से के उपन्यास पर आधारित कोलोम्पिया पिक्चर्स की अंग्रेज़ी फिल्म ‘सिद्धार्थ’ में शशि कपूर के साथ काम किया। इस फिल्म में उनका एक न्यूड सीन था, जिस पर ज़बरदस्त विवाद हुआ। भारत में सेंसर बोर्ड ने काफी काट छांट के बाद ही इस फिल्म को रिलीज़ होने दिया। सिमी की अन्य प्रमुख फिल्में रहीं ‘कभी कभी’ (1976) व ‘चलते चलते’ (1976)। ‘कज़र्’ (1980) में वह वैम्प की भूमिका में थीं, जो दौलत के लिए अपने पति (राज किरण) की हत्या कर देती हैं। हालांकि सिमी ने 1987 में बीबीसी के डाक्यूमेंट्री-ड्रामा ‘महाराजा’ज़’ में अभिनय किया, लेकिन 1980 के दशक के शुरू से ही वह लेखन और निर्देशन पर फोकस करने लगी थीं। उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कम्पनी सीगा आर्ट्स इंटरनेशनल खोली और ‘विमेंस वर्ल्ड’, ‘लिविंग लीजेंड राजकपूर’ ‘राजीव गांधी’ पर तीन पार्ट्स में डाक्यूमेंट्री जैसी सीरीज व कार्यक्रम बनाये। फिल्म ‘रुखसत’ का लेखन व निर्देशन भी उन्होंने ही किया था। बाद के वर्षों में सिमी अपने टॉक शोज़ रेंडेवू’ और ‘इंडियाज़ मोस्ट डिजायरएबल’ से अधिक विख्यात हुईं। अब उनका एक यू-टयूब चौनल है जिस पर 40 मिलियन से अधिक व्यूज आ चुके हैं। उनकी अपनी एक वेबसाइट भी है जिस पर वह अपनी आवाज़ में अपने फैंस से सम्पर्क करती हैं।
सिमी का पहला गंभीर संबंध मात्र 17 वर्ष की आयु में जामनगर के महाराजा शत्रुसल्यासिंह से हुआ था, जो इंग्लैंड में उनके पड़ोसी भी थे। बाद में सिमी का संबंध पटौदी के नवाब मंसूर अली खान से हुआ, जो भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे। यह संबंध तकरीबन शादी तक ही पहुंच गया था कि टाइगर पटौदी के जीवन में शर्मिला टैगोर आ गईं। इस संबंध की दो विचित्र बातें हैं जो अन्य संबंधों में कम ही देखने को मिलती हैं। एक, टाइगर शर्मिला के साथ अपनी कार में लांग ड्राइव पर थे। उन्होंने कार को सिमी के अपार्टमेंट के सामने रोका, शर्मिला कार में बैठी रहीं, टाइगर ने सिमी के घर पर जाकर दस्तक दी और उनके बाहर निकलने पर उनसे ब्रेकअप किया। दूसरा यह कि सिमी ने अपनी टॉक शो में दोनों टाइगर व शर्मिला को एक साथ आमंत्रित किया, उनसे संबंधों पर खुलकर बातें कीं। टाइगर व सिमी की रिलेशनशिप तो खत्म हुई, लेकिन दोस्ती हमेशा बनी रही। इसके बाद सिमी पाकिस्तान के सियासी नेता सलमान तासीर, जिनसे पत्रकार तवलीन सिंह का शादी व तलाक का रिश्ता रहा, के साथ रिलेशनशिप में रहीं जो दुबई में शुरू हुई और एक साल बाद खत्म भी हो गई। सलमान तासीर की पाकिस्तान में ईश निंदा कानून का विरोध करने के विवाद में हत्या कर दी गई थी। यहां यह बताना भी दिलचस्प रहेगा कि नवम्बर 2008 मुंबई आतंकी हमले के बाद सिमी ने सार्वजनिक तौर पर भारत सरकार से पाकिस्तान पर ‘कारपेट-बोम्बिंग’ करने को कहा था, जिसके लिए उन्होंने बाद में माफी मांगी।
सिमी रतन टाटा के साथ भी रिलेशनशिप में रहीं। उनसे भी ब्रेकअप हुआ, दोस्ती बनी रही और सिमी ने टाटा को अपने टॉक शो पर आमंत्रित करके सवाल किया कि चार अफेयर्स करने के बाद भी उन्होंने शादी क्यों नहीं की, कुंवारे क्यों रहे? वैसे सिमी ने स्वयं 1970 में दिल्ली के एरिस्टोक्रेट परिवार के सदस्य रवि मोहन से शादी की थी। दोनों का 1979 में तलाक हो गया।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर