वृक्ष है तो कल है
पेड़-पौधे धरती के आभूषण है। इनकी रक्षा करना हम सभी का परम धर्म है। वृक्ष है तो कल हैं। पेड़-पौधे ही नहीं होंगे तो हमें शुद्ध हवा कहां से मिलेगी। आज का इंसान बहुत स्वार्थी हो गया है और अपने स्वार्थ की खातिर एवं विकास के नाम पर हरे भरे पेड़ाें की कटाई कर रहा है और वह जंगल के जंगल काट कर बहुमंजिली इमारते खड़ी कर रहा है जो एक शर्मनाक बात है।
आज पेड़-पौधों और हरियाली के अभाव में जलवायु में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। इसका असर तेज़ धूप, मानसून में देरी, अनियमित वर्षा, फसल पैदावार में कमी और नयी-नयी बीमारियों के सामने आना है। यह सब इसलिए हो रहा है कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही हैं। इससे बचने के लिए व आने वाली पीढ़ियों को इस भयावह कल से बचाने के लिए हर एक व्यक्ति को एक पेड़ लगाना होगा और जब तक वह बड़ा न हो जाये तब तक उसकी रोज पूरी देख रेख करनी होगी। पेड़ लगाओ और जीवन बचाओ कार्य केवल सरकार का ही नहीं है अपितु हमारा भी दायित्व है कि हरे भरे वृक्षों को कटने से रोका जायें अन्यथा हमारा जीवन खतरे में पड़ जायेगा। (सुमन सागर)
-सुनील कुमार माथुर