बच्चो, पढ़ाई में बनो होशियार
अगर बच्चे में बचपन से ही पढ़ाई के प्रति रूचि जगाई जाए तो वह आगे चलकर पढ़़ने में न केवल होशियार होगा वरन अपने कैरियर व लक्ष्य के प्रति स्वयं ही गंभीर हो जायेगा। ज़रूरत है सिर्फ आपको सजग एवं सचेत रहने की। तो आइये शुरूआत करते हैं आज से इन उपायों को अमल में लाने की।
बच्चे के पढ़ने का समय निश्चित करें।
बच्चे के मनोरंजन का पूरा ध्यान रखें।
बच्चे को शांत माहौल में पढ़ायें।
जब भी पढ़ायें, शांत मन से धैर्यपूर्वक पढ़ायें।
जहां तक हो सके चित्रों के माध्यम से उनकी जिज्ञासा को शांत करें।
पढ़ाते समय उत्तेजित न हों क्योंकि अभी वो बच्चा है। किसी बात को जानने में उसे समय लगेगा। पढ़ाते समय अपशब्दों का प्रयोग कदापि न करें।
बच्चे के कुछ सीख जाने पर उसकी प्रशंसा कीजिए। चाहें तो आप उसे रबड़, पेंसिल, चाकलेट या अन्य छोटी मोटी वस्तुएं जो उसकी पसंद की हों, ज़रूर दें। इससे उसका मनोबल बढ़ेगा।
पढ़ने के लिए कभी भी जोर जबरदस्ती न करें, न ही डांट फटकार कर उसे पढ़ायें।
बच्चे को उसकी रूचिकर चीजें लाकर पढ़ने के लिए प्रेरित करें। हमेशा उपदेश देने से बचें। बच्चे के सामने स्वयं अनुशासित रहें। घर का वातावरण भी स्वच्छ होना चाहिए। बच्चे के सामने कभी लड़ाई झगड़ा, कलह, अशांति न करें। बच्चे को सहयोग एवं सुविधाएं देकर पढ़ने के लिए प्रेरित करें।
बच्चे को उसकी क्षमता एवं प्रतिभा के अनुसार ही तराशें।
कुछ दिनों के अंतराल में फर्क आप स्वयं महसूस करेंगी कि आपके बच्चे पढ़ने में प्रवीण होने के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी सफलता का परचम लहरा रहे हैं। (उर्वशी)