हरियाणा सरकार ने श्रेष्ठ ढंग से मनाई 350वीं शहीदी शताब्दी- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने की भव्य शिरकत
श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस कार्यक्रम में शामिल हुएश्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर कुरुक्षेत्र में राज्य-स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष के अलावा केंद्र के कई मंत्रियों, हरियाणा के सभी मंत्रियों, सांसदों और हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों सहित अनेक प्रमुख लोगों व संस्थाओं ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम शुरू करने से पहले प्रदेश की चार अलग-अलग दिशाआें से नगर कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान यह कोशिश की गई कि प्रदेश के लगभग सभी जिलों से होता हुआ यह नगर कीर्तन कुरुक्षेत्र में आकर समापन हो। वैसे तो पूरे देश व विदेशों में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए लेकिन हरियाणा में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शामिल होना था, इसलिए इस कार्यक्रम को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित पूरी प्रदेश सरकार, भाजपा संगठन, सामाजिक संस्थाएं और सिख समाज के साथ-साथ हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भी जी-जान से लगी हुई थी।
यादगारी सिक्का व डाक टिकट जारी
कुरुक्षेत्र के इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस को समर्पित एक यादगारी सिक्का, एक यादगार डाक टिकट और एक कॉफी टेबल बुक भी जारी की। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के सम्मान में केंद्र सरकार एक साल तक चलने वाला कार्यक्रम मना रही है। कुरुक्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और विरास्त पर एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था। इस प्रदर्शनी को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सहित सभी प्रमुख लोगों ने बेहद श्रद्धा और सत्कार के साथ देखा और गुरु जी के बलिदान को याद किया। इस मौके पर 350 बच्चों ने गुरुबाणी का कीर्तन किया और गुरु जी के सर्वोच्च बलिदान को प्रदर्शित करते हुए एक सैंड आर्ट शो का भी आयोजन किया गया। कुरुक्षेत्र एक ऐसी पवित्र धरती है जहां पर लगभग सभी सिख गुरुओं ने अपनी यात्रा की और इस भूमि को पवित्र किया।
मुगलों के जुल्म का किया उल्लेख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां एक तरफ गुरु साहिबान की बेमिसाल कुर्बानी और मुगल आक्रांताओं के जुल्म का व्यापक उल्लेख किया, वहीं उन्होंने उनकी सरकार द्वारा पिछले 11 सालों के दौरान गुरु साहिबान के पवित्र स्थानों के व्यापक विकास के लिए किए गए कार्यों और सिख समाज के हित में लिए गए निर्णयों का भी उल्लेख किया। उन्होंने विशेष रूप से श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व, श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व को राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाने का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने करतारपुर कोरिडोर, हेमकुंट साहिब रोप-वे प्रोजैक्ट और आनंदपुर साहिब में विरास्त-ए-खालसा संग्रहालय के विस्तार का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ऑपरेशन सिन्दूर का जिक्र करते हुए यह बात भी स्पष्ट कर गए कि भारत आज न डरता है, न रुकता है और न ही आतंकवाद के खिलाफ झुकता है।
बढ़ते नशे का मुद्दा
वहीं प्रधानमंत्री के संबोधन में बढ़ते नशे का मुद्दा भी बेहद प्रमुखता से उभर कर सामने आया। उन्होंने नशे की आदत को लेकर नौजवानों के सामने पेश आ रही चुनौतियों का खुल कर उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि नशे की आदत ने युवाओं के सामने एक गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में श्री गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षा हमारे लिए प्रेरणा भी है और समाधान भी है। उन्होंने कहा कि जब गुरु साहिब ने आनंदपुर साहिब से अपनी यात्रा शुरू की और अनेक गांवों में संगत को अपने साथ जोड़ा तो इस क्षेत्र में रहने वाले समाज का आचरण भी बदला और लोगों ने हर तरह की नशे की खेती को छोड़ कर गुरु साहिब के चरणों में अपना भविष्य समर्पित कर दिया। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे फिर से गुरु साहिब के दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाज, परिवार और युवा मिलकर नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने का काम करें ताकि नशे की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि गुरु साहिब ने हमें सिखाया है कि हम न तो किसी से डरें और न ही किसी को डराएं। यही निर्भयता समाज और देश को मजबूत बनाती है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने सिख परम्परा के इतिहास और गुरुओं की शिक्षाओं को राष्ट्रीय पाठयक्रम का हिस्सा बनाया है ताकि सेवा, साहस और सत्य के ये आदर्श हमारी नई पीढ़ी की सोच का आधार बनें।
ब्रह्मसरोवर पर की महाआरती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने के अलावा कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव दौरान ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर मंत्रोच्चारण के बीच महाआरती की और देशवासियों की उन्नति व तरक्की के लिए प्रार्थना की। श्री मोदी ने दीपशिखा प्रज्जवलित कर महाआरती का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पावन धरा से पूरे विश्व को गीता का उपदेश दिया। इस पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश आज भी पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र की पवित्र स्थली ज्योतिसर से पूरे विश्व को गीता का ज्ञान मिला। गीता में दिए गए ज्ञान में जहां एक तरफ मानव जगत की हर समस्या का समाधान है, वहीं गीता के श्लोकों का स्मरण करने से जहां हमारे मन को शांति मिलती है, वहीं हमारे आध्यात्मिक ज्ञान में भी वृद्धि होती है। प्रधानमंत्री ने अपने कुरुक्षेत्र दौरे के दौरान महाभारत अनुभव केंद्र परिसर में भगवान श्री कृष्ण के पवित्र शंख पंचजन्य पर आधारित पंचजन्य स्मारक का उद्घाटन किया और अनुभव केंद्र का अवलोकन भी किया। उल्लेखनीय है कि महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण ने न्याय और धर्म के साथ खड़े होकर दिव्य पंचजन्य शंख से ही शंखनाद किया था। इस पर गीता के 18 श्लोक भी अंकित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री सैनी ने झोंकी पूरी ताकत
कुरुक्षेत्र में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूरी ताकत झोंक दी। प्रदेश की चारों दिशाओं से नगर कीर्तन आरंभ किए गए। वहीं आयोजित कार्यक्रमों में खुद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी न सिर्फ पहुंचे बल्कि इस बात का भी विशेष ख्याल रखा गया कि गुरु साहिब की मान- मर्यादा और परम्पराओं का पूरा आदर, मान और सम्मान बरकरार रखा जाए। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में जहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को मुख्यमंत्री खुद अपने सिर पर पूरी श्रद्धा के साथ मंच तक लेकर आए, वहीं पूरे कार्यक्रम दौरान उन्होंने न सिर्फ पगड़ी पहने रखी बल्कि सिख मर्यादाओं का भी पूरी तरह से पालन करते हुए पंज प्यारों की अगुवाई में पालकी साहिब की सेवा निभाई। श्री गुरु ग्रन्थ साहिब प्रकाश किए जाने के दौरान भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खुद चंवर साहिब की सेवा निभाई। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के इस सेवाभाव की न सिर्फ सभी ने प्रशंसा की बल्कि इससे उनकी छवि में भी निश्चित तौर पर निखार आया है। वैसे भी नायब सिंह सैनी जब भी किसी कार्यक्रम में या विशेष रूप से गुरु घर में जाते हैं तो वह हमेशा सलीके से सिर पर पगड़ी पहनकर ही जाते हैं और सिख परम्पराओं तथा रीति-रिवाजों का भी विशेष रूप से ख्याल रखते हैं।
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