अनेक रोगों की जड़ कब्ज़


कब्ज़ का दूसरा नाम है—कोष्ठबद्धता। कोष्ठ का अर्थ है कोख व बद्धता अर्थ है ‘बंधी हुई’। इस प्रकार कोष्ठबद्धता का अर्थ हुआ ‘बंधी हुई कोख’। आंतड़ियों की मल को निष्कासन न कर पाने की क्रिया को कब्ज़ या कोष्ठबद्धता कहा जाता है।
ऐसी स्थिति में मल का निष्कासन नहीं होता, यदि होता भी है तो उसकी मात्रा बहुत ही कम होती है। यदि आरम्भ में ही इस रोग की ओर ध्यान न दिया जाए तो धीरे-धीरे आंतें अपनी कार्यक्षमता खो बैठती हैं और रोगी पुरानी कब्ज़ का शिकार हो जाता है।
कब्ज़ से होने वाले अन्य रोग
एक कब्ज़ अन्य सौ रोगों को जन्म देती है। रोगी प्रतिदिन कूंथकर (जोर लगाकर) मल त्याग करता है, जिससे गुदा की शिराएं फूल जाती हैं। फलस्वरूप बवासीर और भगंदर जैसे असाध्य रोगों की उत्पत्ति होती है। 
नित्य कब्ज़ रहने से पेट में गैस बनने लगती है, जिससे हर्निया व अम्ल-पित्त की शिकायत उभरती है। रोगी को खट्टी डकारें आने लगती हैं और उसका सिर चकराने लगता है आंखों के नीचे गड्ढे उभर आते हैं, जिससे चेहरे की सम्पूर्ण कांति नष्ट हो जाती है कब्ज़ वाले रोगी के पेट में अनेक प्रकार के कृमियों की भी उत्पत्ति होती है जो रोगी द्वारा खाए गए भोजन को चट कर जाते हैं और रोगी दुबला-पतला रह जाता है।
कब्ज़-निवारण के उपाय
कब्ज़ से मुक्ति दिलाने के अनेक नुस्खे हैं, जिनमें से कुछ आसान नुस्खों का वर्णन नीचे दिया जा रहा है। 
* कब्ज़ निवारण का सर्वोत्तम उपाय है सर्वप्रथम भोजन त्याग कर दो-तीन दिन का उपवास करना। उपवास के दौरान खट्टे फलों का रस लें तथा एनिमा द्वारा प्रतिदिन पेट साफ करते रहें। खट्टे फलों में विटामिन ‘सी’ होता है जो आंतों की कार्य-प्रणाली ठीक करने में बहुत सहयोग देता है।
* कब्ज़, पुरानी होने पर गुलाब की पंखुड़ियां दूध में उबालकर पन्द्रह दिन तक सेवन करें।
* बथुआ की सब्ज़ी भी कब्ज़ दूर करने में सहायक होती है।
* मुनक्का व काला नमक मिलाकर खाने से भी कब्ज़ से छुटकारा मिलता है।
* रात को सोते समय गर्म दूध में एरंड का तेल मिलाकर पीने से सुबह मल साफ आता है और कब्ज़ दूर हो जाती है।
* अमरूद भी कब्ज़ मिटाने में सहायक होता है परन्तु इसे सदा भोजन से पहले खाना चाहिए क्योंकि भोजन के बाद खाए जाने पर यह कब्ज़ आरंभ कर देता है।
* हरी मिर्च, लहसुन व काले नमक की चटनी भोजन के साथ खाने से पुरानी कब्ज़ मिटती है। 
* सुबह निराहार दो संतरों का रस या एक नींबू का रस प्रतिदिन एक सप्ताह पीने से भी कब्ज़ मिटती है।                     (स्वास्थ्य दर्पण)
         —सूरज प्रकाश