बहुमूल्य ज़िन्दगी का अर्थ बताती ये यादगार फिल्में

‘ज़िन्दगी इक सफर है सुहाना, यहां कल क्या हो किसने जाना’ राजेश कन्ना का एक फिल्म में आया गीत ही मेरे जीवन की घटना बन गया। वास्तव में देश में बनी हिन्दी सिनेमा की यादगार फिल्में जो ज़िंदगी को समझा कर चली गईं, लेकिन मानव व आम दर्शक उनकी भावनाओं व विचारों को समझ ही नहीं पाया। बलराज साहनी अभिनीत बी.आर. चोपड़ा की फिल्म ‘वतन’ जीवन के हर क्षण की बातें कह गई। राजेश खन्ना की अभिनीत ‘जानवर’ क्या जीवन की सच्चाइयां बयान नहीं करती, क्या ‘जिस देश में गंगा बहती है’, ‘सत्यम शिव सुंदरम्’, ‘आवारा’ जैसी राज कपूर की फिल्में जीवन का संदेश नहीं देती हैं। क्या बी.आर. चोपड़ा की ‘ब़ागवान’, ‘नया दौर’, ‘धूल का फूल’, ‘ललकार’, ‘आंखें’, ‘आरजू’ जीवन का हर पल का संदेश नहीं देती हैं। हां ये फिल्में जीवन की सच्ची बातें बयां करती हैं, लेकिन हम आम दर्शक से तालियां बजाकर या आपसी चर्चाएं कर यथार्थ को भूल जाते हैं। संगीतकार नौशाद ने ‘मदर इंडिया’ फिल्म के माध्यम से क्या बयां नहीं किया, चेतन आनंद ने ‘हकीकत’ में क्या नहीं बतलाया। ऋषिकेष मुखर्जी की राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म ‘आनंद’ क्या कैंसर की यथार्थ बातें बयां नहीं करती हैं।फिल्में व उनकी कहानियां तथा संगीत व संवाद घर, समाज, मित्रता व आने वाले कल की सब बातें शब्दों में कर जाती हैं व हम मूक दर्शक बनकर यथार्थ से दूर हो ज़िन्दगी को एक सुहाना सफर मानकर उसे समझना नहीं चाहते। भव्यता देखना हो तो जी.पी. सिप्पी व रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी ‘शोले’ या के. आसिफ द्वारा बनाई गई भव्यता से भरपूर फिल्म दिलीप कुमार, मधुबाला अभिनीत ‘मुगल-ए-आज़म’ या कमाल अमरोही की ‘पाकीजा’ या वी. शांताराम ‘नवरंग’, ‘दो आंखें बारह हाथ’, ‘पिंजरा’ बहुत कुछ नहीं कहती हैं। वास्तव में फिल्में जीवन दर्शन का सर्वोत्तम माध्यम है एवं उन्हें मनोरंजन के प्रकाश ज़िन्दगी से जोड़कर देखना चाहिए। प्रत्येक दर्शक को सिनेमा हाल में बैठकर फिल्में देखते-देखते यह भी सोचना चाहिए कि मैं मनोरंजन के लिए फिल्में देखकर साथ में जीवन के लिए कुछ संदेश भी घर ले जा रहा हूं तभी फिल्म भी सार्थकता उसके जीवन को संवार देगी व वह ज़िन्दगी के उतार-चढ़ाव में फिल्मों का महत्त्व समझ पाएगा।फिल्में संदेश वाहक होती हैं व संदेश जीवन दर्शन दिखाता है। तभी अभिनय, संगीता-संवाद का आनंद आप उठा सकते हैं। यह आलेख भी आपको इन फिल्मों के दर्शन से बहुत कुछ कहने का प्रयास है। जो दुख मिटाएगा व सच्चाई के सामने लाने का प्रयास करेगा।*