पुलिस
ज़िंदगी के ज़ख्म का मरहम है पुलिस
वर्दी में कभी खुशी, कभी गम है पुलिस
गोली-गाली मिश्रित गुलाबी गुलशन
‘सावन’! जैसे मानों वैसे रहम है पुलिस
धधकते हुए शोले में पानी है पुलिस
जोश में होश की कहानी है पुलिस
सूझ से सामाजिक समझौता-सुकून
वतन की जवानी-रवानी है पुलिस
बेसहारों का सबल सहारा है पुलिस
उम्मीदों का उज्ज्वल सितारा है पुलिस
देती है दुर्दिन में दमदार दस्तक
डूबते का तिनका-किनारा है पुलिस।
-सुनील चौरसिया
:मो-9044974084