आओ टूथपिक से जादुई तारा बनाएं
बच्चो! आपके घर में टूथपिक (दंतखोदनी या खिलाल) तो होंगे। एक पतली, छोटी से लकड़ी जो एक तरफ से नुकिली होती है ताकि दांतों के बीच में फंसे अन्न के टुकड़ों को बाहर निकाला जा सके। आप टूटे हुए टूथपिक से सिर्फ पानी डालकर जादुई तारा बना सकते हैं। यह जादू है या विज्ञान? ज़ाहिर है विज्ञान है क्योंकि इस प्रयोग से आप केपिलरी एक्शन के बारे में सीखते हैं।
इस प्रयोग के लिए हमें 5 टूथपिक, एक छोटी प्लेट, पानी भरी एक छोटी कटोरी और मेडिसिन ड्रॉपर की ज़रूरत पड़ेगी।
* पहले चरण में हम पांचों टूथपिक को एक-एक करके बीच में से मोड़ेंगे, लेकिन यह ध्यान देते हुए कि टुकड़े टूटकर एकदम अलग न हो जायें।
* इसके बाद टूथपिक को प्लेट में इस तरह से रख दें कि वह बंद तारे का पैटर्न बनाएं।
* तीसरे चरण में मेडिसिन ड्रॉपर को पानी से भर लें।
* अब आहिस्ता आहिस्ता पानी की बूंदें टूथपिक के केंद्र में डालें और तारे को बनता हुआ देखें।
यह तारा कैसे बना? टूथपिक सूखी हुई लकड़ी के बने होते हैं। जब बंद तारे के बीच में पानी की बूंदें डाली जाती हैं तो लकड़ी पानी को अपने अंदर जज्ब (एब्ज़ोर्ब या अवशोषित करना) कर लेती है और लकड़ी फैलने लगती है लेकिन लकड़ी पानी को अपने अंदर जज्ब कैसे करती है?
पानी और लकड़ी के टूथपिक के बीच एडहेसिव (आसंजक) बल, पानी के अंदर कोहेसिव (जोड़ने वाला) बल से अधिक होता है। यह एडहेसिव बल पानी के मॉलिक्यूल्स (अणुओं) को लकड़ी के अंदर छोटी-छोटी जगहों के अंदर खींच लेता है। इस प्रक्रिया को केपिलरी एक्शन कहते हैं। नतीजतन पानी टूटे हुए टूथपिक के सिरों पर पहुंच जाता है।
मुड़ी हुई लकड़ी अधिक पानी जज्ब करने की वजह से फैलनी व सीधी होने लगती है। फिर प्रत्येक टूथपिक एक-दूसरे को धक्का देने लगता है। जैसे ही टूथपिक सीधे होने लगते हैं, बंद तारे के अंदर का हिस्सा खुल जाता है और जादुई तारा बन जाता है।
बच्चो! केपिलरी एक्शन को तुम पौधों में भी देख सकते हो। इसी की वजह से पौधे जड़ों से पत्तियों तक पानी पहुंचाते हैं।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर




