भविष्य में दोबारा खंडित होगा पाकिस्तान


बड़े दुर्भाग्य की बात है कि जब 1947 में हिन्दुस्तान से पाकिस्तान अस्तित्व में आया तब बलोचिस्तान, सिन्ध प्रांत की दिल की बात अनसुनी कर दी गई। बलोचिस्तान पर पाक फौज का अत्याचार का खेल जारी है। जब भी कोई अभागा प्रांत राष्ट्र का रूप लेने के लिए प्रयासरत होता है, तो उसकी आवाज़ दमन चक्र और जुल्म द्वारा दबाई जाती है। बलोच कौम पर पाकिस्तान का कहर हर रोज़ बढ़ता जा रहा है और इसी वजह से वे लोग पाकिस्तान के जुल्मों-सितम से निजात पाने के लिए  एक स्वतंत्र बलोच राष्ट्र बनाने के लिए सिर पर कफन बांधे फिरते हैं। इसके साथ सिन्ध, बालतिस्तान, आज़ाद कश्मीर में भी लोग हर रोज़ पाक के विरोध में नारे लगाते और पाक झण्डे को आग लगाते दिखाई देते हैं और यही चिंगारी किसी दिन पाक को राख कर देगी। बलोची ज़मीन को बहुत सारी धातुओं  यहां तक कि सोना, तांबा आदि से लबालब है, को नवाज़ शरीफ ने चीन को गिफ्ट के रूप में दे दिया और बलोचिस्तान ग्वादर बन्दरगाह पर चीन के करोड़ों रुपए के कोरीडोर जैसे प्रोजैक्ट निर्माणाधीन हैं। बलोचिस्तान की आज़ादी की मांग ज़ोर पकड़ती नज़र आ रही है। भारत द्वारा बलोचिस्तान के प्रति दिखाई गई सहानुभूति से भी बलोच लोगों के हौसले बुलंद हैं।
बलोचिस्तान की सीमा ईरान और अफगानिस्तान के साथ लगती है। मोदी जी अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की काली करतूतों का पर्दाफाश कर रहे हैं। आशा है कि वो दिन दूर नहीं जब बलोच कौम पाक का पेट चीर कर चट्टान की तरह अपना सिर ऊंचा कर अपने राष्ट्रीय झण्डे को ऊंचा कर आज़ाद मुल्कों की कतार में खड़े होने का सौभाग्य प्राप्त करेंगी। पाक दुनिया के देशों में सिर्फ उग्रवाद, आतंकवाद निर्यात कर रहा है जो उसके पास सरप्लस है। पाकिस्तान जिस बलोचिस्तान को पैरों तले कुचल रहा है, उसके रहमो-करम से पाक वजूद में है, क्योंकि बलोचिस्तान के प्राकृतिक स्रोतों के कारण पाक ज़िन्दा है। तानाशाही की वजह से पाकिस्तान भविष्य में चार हिस्सों में बंट जायेगा जैसे बंगलादेश उसके मुख पर तमाचा मारकर भारत की सहायता से आज़ाद हो गया। शायद आने वाले समय में दुनिया के नक्शे पर पाक का नामो-निशान मिट जायेगा।
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