कब साकार होगा ‘मेक इन इंडिया’ का सपना ?

हमारे देश में बेरोज़गारी एक बहुत बड़ी समस्या है। इस पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। आज की तारीख में पूरे देश में 12 करोड़ के लगभग युवा बेरोज़गार हैं। हालत यह हो गई है कि देश के विभिन्न राज्यों में बोझ ढोने वाले चपरासियों, मच्छर मारने वाले मज़दूरों आदि की पोस्ट के लिए भी पी.एच.डी., एम. फिल, तकनीकी डिग्री प्राप्त युवक इनके लिए आवेदन करते हैं और नौकरी पाते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि इन पदों के लिए योग्यता होती है। चौथी या पांचवीं पास वहां पर पढ़े-लिखे युवक आवेदन करते हैं और नौकरी पाते हैं। हर वर्ष हमारे देश में लगभग 30 लाख लोग ग्रेजुएट होते हैं और जिनमें से 3 में से एक बेरोज़गार रह जाता है। मतलब प्रतिवर्ष हमारे देश में लगभग 11 से 12 लाख युवा बेरोज़गार रह जाते हैं। ऐसी हालत में स्मार्ट सिटी, बुलेट ट्रेन आदि हमें विकास की ओर नहीं ले जायेंगे। यह हमारे देश के चालकों, नेताओं, राजनेताओं को कब और कैसे समझ आयेगा? अब तक क्यों नहीं समझ आया है, यह तो वही बता सकते हैं जिन्होंने आज तक देश पर हुकूमत की है। प्रचार दिवस कब तक मनाती रहेगी भाजपा? इसलिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश में बेरोज़गारी की बढ़ती हुई समस्या पर जल्द से जल्द काबू पाना चाहिए और युवाओं को अधिक से अधिक रोज़गार मुहैय्या करवाने चाहिए ताकि उनका ‘मेक इन इंडिया’ का सपना भी साकार हो सके।