निर्भया कांड- दोषी मुकेश, विनय की मौत की सज़ा बरकरार

दिल्ली, 14 जनवरी (वार्ता, उपमा डागा पारथ) : उच्चतम न्यायालय ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या मामले के दोषी विनय शर्मा और मुकेश कुमार की संशोधन (क्यूरेटिव) याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं। दो अन्य दोषियों- पवन गुप्ता और अक्षय कुमार ने अभी तक क्यूरेटिव याचिकाएं नहीं दायर की हैं। न्यायमूर्ति एन. वी. रमन के चैम्बर में इन दोनों की याचिकाओं की सुनवाई होनी थी, जहां चंद मिनटों के भीतर ही याचिकाएं खारिज कर दी गईं। न्यायमूर्ति रमन की अध्यक्षता वाली इस पांच सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण शामिल थे। शीर्ष अदालत ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि क्यूरेटिव याचिकाओं की सुनवाई खुली अदालत में किये जाने की अर्जी खारिज की जाती है। न्यायालय ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से गत 7 जनवरी को जारी ब्लैक वारंट (डेथ वारंट) पर रोक संबंधी अनुरोध यह कहते हुए ठुकरा दिया कि याचिका में कोई मज़बूत आधार नज़र नहीं आता। पीठ ने कहा कि हमने क्यूरेटिव याचिकाओं एवं संबंधित दस्तावज़ों को पढ़ा है। हमारा मानना है कि इन याचिकाओं में रुपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा एवं अन्य के मामले में इसी अदालत के फैसले में निर्धारित मानदंडों के तहत निर्धारित सवाल नहीं उठाए गए हैं। इसलिए हम याचिकाएं खारिज करते हैं। पटियाला  हाउस कोर्ट से इस मामले के चार दोषियों -विनय, मुकेश, पवन गुप्ता और अक्षय के खिलाफ गत 7 जनवरी को ब्लैक वारंट जारी किया था, जिसके बाद विनय और मुकेश ने शीर्ष अदालत में संशोधन याचिकाएं दाखिल की थीं। दो अन्य दोषियों ने अभी तक संशोधन याचिकाएं दायर नहीं की हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने इन चारों को फांसी पर चढ़ाने के लिए 22 जनवरी सुबह सात बजे का समय मुकर्रर किया है। पूरे देश को दहला देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या मामले के चार दोषियों में से दो- विनय एवं मुकेश- ने उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को संशोधन (क्यूरेटिव) याचिकाएं दायर की थीं। मुकेश कुमार की ओर से वृंदा ग्रोवर ने संशोधन याचिका दायर की थी, जबकि विनय की ओर से सदाशिव ने याचिका पर हस्ताक्षर किए थे। पटियाला हाउस अदालत ने सभी चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी देने का आदेश दिया था। फैसले के बाद सभी दोषियों ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष क्यूरेटिव याचिका दायर करने की बात कही थी।
वहीं निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड मामले के चार दोषियों में से एक ने निचली अदालत द्वारा जारी मृत्यु वारंट को निरस्त कराने के लिए मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। दोषी मुकेश की याचिका न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ के समक्ष बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। वकील वृंदा ग्रोवर के जरिए दायर याचिका में 7 जनवरी को निचली अदालत द्वारा जारी किए गए फांसी के वारंट को खारिज करने का आग्रह किया गया है। याचिका में मुकेश ने यह भी कहा है कि उसने मंगलवार को राष्ट्रपति और दिल्ली के उपराज्यपाल के समक्ष दया याचिकाएं भी दायर की हैं। निचली अदालत मामले के चारों दोषियों के खिलाफ 7 जनवरी को मृत्यु वारंट जारी करते हुए उन्हें आगामी 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाने का आदेश दे चुकी है।