लाभदायक है धूप सेंकना 

सूर्य की धूप मात्रा मनुष्य के लिए ही जरूरी नहीं वरन पशु-पक्षियों से लेकर पेड़-पौधों के लिए भी आवश्यक है। खेतों में यदि धूप न लगे तो समूची फसल में रोग लग जाता है। 
यही हाल प्राणियों का भी होता है। धूप में रहने वाले लोग रोग रहित होते हैं। पर्याप्त धूप के अभाव में लोग पीले पड़ जाते हैं। शहरों में, जिन मकानों में सूर्य की किरणें नहीं पहुंचतीं, उसमें रहने वाली औरतें पीली दिखती हैं। 
पीलापन मनुष्य के रोगी होने का द्योतक है। स्वस्थ एवं निरोग रहने के लिए संपूर्ण बदन पर सूर्य की किरणें पड़ना अनिवार्य है। आइए देखें कि सूर्य की किरणों में कैसी शक्ति है, जिसकी हमें निहायत जरूरत है?
*  सूर्य से उत्सारित अल्ट्रा वायलेट किरणें, जिन्हें आंखों से देखना संभव नहीं है, हर सजीव प्राणी के पोषण का कार्य करती हैं।
* सूर्य की किरणों में विकारों को नष्ट करने की शक्ति होती है।
* सूर्य की धूप सेंकने से पाचन शक्ति बढ़ती है। बरसात के दिनों में, कई-कई दिनों तक धूप न मिलने से लोगों की पाचन-शक्ति कमज़ोर पड़ जाती है।
* कई रोगों का इलाज मात्र सूर्य की किरणों से ही संभव है। उसकी कोई दूसरी चिकित्सा नहीं होती।
* धूप से रक्त लसीका का संचार बढ़ जाता है एवं त्वचा की मल-निष्कासन शक्ति अधिक हो जाती है।
* धूप से रक्त में लालकणों एवं हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती है।
अब सवाल उठता है कि हमें कितनी, कब और किस तरह सूर्य की किरणों का लाभ उठाना चाहिए? उसके उपाय कुछ इस प्रकार हैं:-
*  प्रतिदिन शरीर पर सूर्य की किरणें अवश्य पड़नी चाहिएं। इसके लिए प्रात:काल एकांत में सूर्य के सामने निर्वस्त्र लेट जाना चाहिए ताकि पूरे शरीर पर समान रूप से धूप पड़े। यदि एकांत जगह न मिल पाये तो सफेद पतला कपड़ा बदन पर लपेटा जा सकता है।
* सूर्य की किरणें, शरीर पर 15 से 20 मिनट पड़ना अनिवार्य है। इसका प्रारंभ 3-4 मिनट से भी किया जा सकता है।
* गर्मी के मौसम में प्रात: छ: बजे और सर्दी में साढ़े सात या आठ बजे का समय धूप सेंकने के लिए उपयुक्त रहता है।
* धूप सेंकते वक्त अपनी आंखों और सिर को बचाना चाहिए।

  (स्वास्थ्य दर्पण)