कांग्रेस विधायक दल में बागी सुर फिर हुए तेज़

जालन्धर, 16 फरवरी : ( मेजर सिंह ) कैप्टन सरकार की तीन साल की कारगुजारी को लेकर कांग्रेस विधायक दल में बागी सुर पुन: उभर रहे हैं। अब जालन्धर छावनी क्षेत्र के विधायक व भारतीय हाकी टीम के कप्तान रहे परगट सिंह ने पंजाब सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की विश्वसनीयता पर अंकुश लगाने पर गम्भीर चिंता का प्रकटावा करते हुए सरकार की समूची कारगुजारी पर ही बड़े सवाल उठाए हैं।  पंजाबी में लिखे चार पन्नों के पत्र जिसकी कापी ‘अजीत समाचार’ के पास है, में मुख्यमंत्री को सम्बोधित होते हुए परगट सिंह ने कहा कि किए वादे के मुताबिक प्रदेश में नशों के चलन को नकेल डालने में हम सफल नहीं हुए। भ्रष्टाचार को नकेल डालने व रेत, ट्रांसपोर्ट व शराब माफिया पर शिकंजा कसने की बात तो शुरू नहीं हो सकी। अकाली-भाजपा सरकार द्वारा अनाज खरीद से 31 हज़ार करोड़ रुपए की राशि को कज़र् में बदलने के बड़े घोटाले की जांच के वादे पर भी अमल होना जहां बाकी है। निजी बिजली कम्पनियों के साथ हुए समझौतों बारे लगाए बड़े आरोपों बारे तो चुप्पी ही धारण की हुई है। उन्होंने लिखा है कि 77 सीटें जीताकर आपकी सरकार बनाने वाले पंजाबी अफसोस की बात है कि आपकी अगुवाई वाली सरकार की कारगुजारी से निराश हो रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस की सरकार बनने में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदगी के मुद्दे ने सबसे अधिक योगदान डाला था। उन्होंने सवाल किया कि बेअदबी के आरोपियों को कटघरे में खड़ा करें और जुल्म करने वाले आरोपियों को कानून के कटघरे में खड़ा करने के लिए हमारी सरकार  के प्रयास लोगों के दिलों में संदेह के दायरे में क्यों आ रहे हैं? सख्त लहज़े में लिखे पत्र में परगट सिंह ने कहा कि मैं आपको निजी हैसियत में पत्र लिख रहा हूं क्योंकि मुझे पंजाब से प्यार है और आपके लिए सम्मान है। उन्होंने चुनावाें समय किए वादों की बात करते हुए कहा कि नशों के चलन को कोई नकेल नहीं पड़ रही। बादलों के शासन समय खज़ाना लुटने के लिए रखे चोर दरवाजे बंद करने की ओर ध्यान केन्द्रित नहीं किया गया। शराब व रेत के व्यापार में सरकारी कार्पोरेशन बनाने के लिए हमें पुन: सोचने की ज़रूरत है। उन्होंने लिखा है कि रेत से पैसे तो बहुत कमाया जा रहा है परंतु यह सरकार का खज़ाना भरने की बजाय निजी हाथों में जा रहा है। आखिर सोचने वाली बात है कि शराब की खपत में हम देश के अग्रणी राज्यों में माने जाते हैं, परंतु आय के मामले में आखिर की कतार में क्यों आ गए हैं। उन्होंने पंजाब सरकार समय ट्रांसपोर्ट से बादलों का कज़र् टूटने की बजाय जालन्धर-दिल्ली हवाई अड्डा रूट पर एकाधिकार होने की बात करते हुए कहा कि ज़रा कभी ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों को बुलाकर पूछो कि पंजाब के विभिन्न हिस्सों से चंडीगढ़ को मुनाफे वाले रूटों पर किस की बसों का राज है? परगट सिंह ने बादल सरकार समय अनाज खरीद में 31 हज़ार करोड़ रुपए के हिसाब-किताब में आए अंतर को पंजाब के सिर चढ़े कज़र् के रूप में मोड़ देने की जांच के किए वादे पर अमल का मामला भी उठाया है। बादल समय निजी बिजली कम्पनियों के साथ समझौताें के बड़े आरोप लगाए थे, परंतु इस मसले पर अभी चुप्पी का ही पर्दा है। उन्होंने कांग्रेस शासन में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाइ्र से हाथ पीछे खींचने व बड़े आरोपियों के बचाने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि हमने भ्रष्टाचार खत्म करने का लोगों के साथ वादा किया था। आगे सवाल उठाया है कि परंतु भ्रष्टाचार का मामला अपनी मौत क्यों मर रहा है? उन्होंने मुख्यमंत्री को सम्बोधित होते हुए कहा कि पहले कार्यकाल में आप भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे ही नहीं दिया था, बल्कि बड़े राजनीतिज्ञों को जेल भेजने की हिम्मत व दलेरी भी दिखाई थी परंतु अब सत्ता सम्भालने के बाद हज़ारों करोड़ के सिंचाई विभाग व मंडी बोर्ड के घोटाले सामने आए। इन मामलों में गिरफ्तार सिंचाई विभाग के ठेकेदार गुरिंदर सिंह व मंडी बोर्ड के निगरान इंजीनियर द्वारा किए गए खुलासों पर आगे क्यों कार्रवाई नहीं हुई।  उन्होंने कहा कि लोग सवाल करते हैं कि एक ठेकेदार व इंजीनियर ही इतने बड़े घोटाले कर गए और उनके पीछे बड़े राजनीतिज्ञों पर अधिकारियों का कोई आशीर्वाद नहीं था। उन्होंने कहा कि उकत दोनों दोषियों द्वारा पूछताछ दौरान बड़े लोगों बारे अहम खुलासे किए गए थे और कईयों के नाम भी लिए थे परंतु उनके बारे आगे जांच का कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने सवाल किया कि उक्त खुलासों बारे विजीलैंस ने ठेकेदार व इंजीनियर के बयानों की कभी पुष्टि नहीं की और न ही जांच आगे बढ़ाई गई। उन्होंने ठेकेदार द्वारा जिन व्यक्तियों के नाम लिए गए, उनके खिलाफ कार्रवाई करने और सभी मामले पर पर्दा डालने वाले विजीलैंस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार व पार्टी की बड़ी बदनामी हुई है। उन्होंने संगरूर के तत्कालीन एसएसपी को सौंपी फिरौती कांड की जांच व फरीदाबाद के एक पुलिस अध्किरी द्वारा एक गैंगस्टर की मां से 23 लाख रुपए की रिश्वत लेने के विजीलैंस के पास गए मामले के ठप्प होने का सवाल भी उठाया है। उन्होंने कहा है कि ड्रग मामले में पकड़े इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह वाली जांच भी आगे नहीं बढ़ाई गई और उसे संरक्षण देने वाले लोगों का पर्दाफाश नहीं किया गया।  उन्होंने विभिन्न सरकारी एजैंसियों द्वारा मामले दर्ज कर जांच के बाद चालान पेश किए जाने के मामले में उसी एजैंसी द्वारा अदालत में सबूत न मिलने का बहाना बनाकर क्लोज़र रिपोर्टें पेश करने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इन बातों से लोगों में यह प्रभाव बन रहा है कि विजीलैंस विभाग घोटालों को दफन करने की भूमिका निभा रहे हैं।  उन्होंने यह भी लिखा है कि मैं राजनीतिक बदलाखोरी के हक में नहीं, परंतु खज़ाना लुटने वालों के खिलाफ कार्रवाई को राजनीतिक बदलाखोरी नहीं कहा जा सकता और इस दलील के तहत किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए। उक्त मामलों को इशारा मात्र करार देते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा कि विधायक दल आपके साथ चलने के लिए तोल रहा है परंतु उनकी उम्मीद पूरी करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति रूपमान करना आपकी ज़िम्मेवारी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को खरी बात सुनाते हुए कहा है कि पंजाब को अफसरशाही नहीं, राजनीतिक लीडरशिप द्वारा चलाए जाने का आम लोगों तक संदेश पहुंचाया जाना भी आप पर ही निर्भर करता है। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा फैडरल ढांचे की मूल भावना भी नज़रअंदाज करने का मामला उठाते हुए पंजाब पर इन फैसलों के पड़ रहे प्रभावों का अध्ययन करने और इनमें सुधार के लिए अपना पक्ष जुर्ररत से पेश करने की सलाह दी है। अंत में परगट सिंह ने लिखा है कि करतारपुर साहिब के गलियारे बारे आपको लोगों की आवाज़ सुनने व स्वीकार करने की ओर तवज्जो देना और सिख भावनाओं को समझने की ओर ध्यान देने की ज़रूरत है। सिख जगत में आपकी विश्वसनीयता किसी भी और राजनीतिक नेता से अधिक रही है और इसे अंकुश लगना हम सभी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा।