" 23वां अंतर्राष्ट्रीय हमदर्द विरासती मेला " कलाकारों ने पंजाब की विरासत का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार किया : डा. हमदर्द

कपूरथला, 21 फरवरी ( अमरजीत कोमल/दीपक बजाज ) : पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत की ज्योति को जगती व महकती रखने, पंजाब के युवाओं  को उनकी विरासत से जोड़ने, भू्रण हत्या और अन्य सामाजिक सरोकारों संबंधी लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से पंजाबी सभ्याचारक पिड़ की ओर से करवाया गया 23वें अंतर्राष्ट्रीय हमदर्द विरासती मेला अपनी यादें छोड़ संपन्न हुआ। मेले में पंजाब की प्रसिद्ध लोक गायिका सरबजीत कौर कोके वाली को हमदर्द अवार्ड से सम्मानित किया गया। उपरोक्त अवार्ड देने की रस्म अजीत प्रकाशन समूह के मुख्य संपादक पद्मभूषण डा. बरजिन्दर सिंह हमदर्द ने निभाई। इस अवार्ड में सरबजीत कौर को सोने का कैंठा, चांदी की तूंबी, दोशाला और स्मृति चिन्ह से नवाज़ा गया। मेले में प्रसिद्ध गायक सुरिंदर लाडी, कुलबीर, जैली व रोबिन राज को भी विशेष सम्मान दिया गया। हमदर्द अवार्ड प्राप्त करने उपरांत सरबजीत कौर ने कहा कि वह पंजाबी सभ्याचारक पिड़ के शुक्रगुजार हैं और हमदर्द अवार्ड प्राप्त कर गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने अपना चर्चित लोक गीत कोका कड़वा दे माहिया कोका और घोड़ी की कुछ लाईनों को गा अपनी हाजिरी लगवाई। अपने संबोधन में डा. बरजिन्दर सिंह हमदर्द ने कहा कि पंजाबी सभ्याचारक पिड़ की ओर से करवाया जा रहा हमदर्द विरासती मेला पंजाब के संस्कृति को जगाने के लिए अच्छी सोच का प्रयास है। उन्हाेंने कहा कि पंजाब के कलाकारों ने अपनी गायकी से पंजाब, पंजाबी और अपनी विरासत के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पसार में बहुमूल्य योगदान दिया है और पिड़ ऐसे कलाकारों को सम्मानित कर गर्व महसूस कर रहा है। उन्हाेंने कहा कि कलाकार बड़ा होना बड़ी बात नहीं, बल्कि संगीत से जुड़ना बड़ी बात है। उन्होंने मेले दौरान विभिन्न कलाकार बच्चियों की ओर से अपनी कला के शानदार प्रदर्शन के लिए उनको शुभकामनाएं दी। डा. हमदर्द ने कहा कि अजीत के बाणी सम्पादक डा. साधु सिंह हमदर्द ने सारी हयाती पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत का झंडा बुलंद रखा तथा उनकी ओर से लगाए गए पौधे अजीत द्वारा हम पंजाब की विरासत, साहित्य, संस्कृति के पसार के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं। उन्हाेंने पंजाबी सभ्याचारक पिड़ की ओर से हमदर्द विरासती मेला करवाने के प्रयास की प्रशंसा की और कहा कि मेले को यहां तक पहुंचाने के लिए पिड़ के महासचिव बिक्रमजीत बिक्की और उनके साथी बधाई के पात्र हैं। डा. हमदर्द ने कहा कि पंजाब बहुत-से चुनौतियों का सामना कर रह रहा है। भू्रण हत्या जैसी बुरी समस्याओं पर नकेल कसने और बच्चियों के सुनहरे भविष्य के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए। उन्हाेंने अपनी नई कैसेट माण न कीजै में बेपरवाही और माण न कीजै की कुछ लाईने मेले में उपस्थित श्रोताओं को सोझ भरी आवाज में सुनाई। डा. हमदर्द ने प्रसिद्ध गायक रोबिन राज की नई कैसेट साई दा प्यार जारी करने की रस्म भी निभाई। पंजाबन मुटियार के मुकाबले में आर.आर. बावा डीएवी कालेज बटाला की जगदीप कौर ने पंजाबन मुटियार का खिताब जीता, जबकि लायलपुर खालसा कालेज कपूरथला की तनवीर कौर दूसरे और आर.आर. बावा डीएवी कालेज बटाला की कुलविंदर कौर तीसरे स्थान पर रही। इस मुकाबले में अमृतसर की अमनप्रीत कौर ने सोहना पहरावा, पूनम मेहता ने टूणेहारी अख, गगनप्रीत कौर ने सरु वर्गा कद, सिमरनजीत कौर ने मोरां वाली तोर, शिवानी देवी ने कणकवन्नी मुटियार, सिमरन कौर ने गलगल जिही मुटियार, किरणजीत कौर ने निक्कड़ी नखरों, हरसिमरन कौर ने सुचज्जी मुटियार, जसलीन कौर ने पतली पतंग, रवीन कुमारी ने धौन सुराही वर्गी, किरणदीप कौर ने गुंदवी गुत्त, जैसमीन कौर ने मुखड़ा चन्न वर्गा, गुरप्रीत कौर ने गिद्धेयां दी रानी, अरनीत कौर ने सोहना हासा, शायरा ने अच्छी मंच पेशकारी, सृष्टि ने शरमीली मुटियार, अमनप्रीत कौर ने गहना गट्टा, दलजीत कौर ने जिंदगी जिंदाबाद, मोनिका ने गोरा रंग, अमनदीप कौर ने रिवायती पहरावे का खिताब जीता। पंजाबन मुटियार के मुकाबले में पहला स्थान हासिल करने वाली मुटियार को सोने की सग्गी और उप विजयी युवतियों को चांदी की सग्गी और मेले की अन्य निशानियों से सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त विभिन्न खिताब जीतने वाली युवतियों को बी.के. विरदी ज्वाइंट इंवैस्टीगेशन और सोनिया विरदी की ओर से सम्मानित किया गया। इस मुकाबले में जजों की भूमिका डा. कुलविंदर कौर, परमजीत सिंह ऑल इंडिया रेडियो, डा. इंद्रा विर्क, प्रो: नवजोत कौर ने निभाई। इससे पूर्व पिड़ की ओर से प्रकाशित सुवीनर लोकार्पित करने की रस्म डा. बरजिन्दर सिंह हमदर्द, बी.के. विरदी, सोनिया विरदी, बलजीत कौर दूहड़े, जगमोहन सिंह सोढी, लछमण सिंह तहसीलदार, प्रिंसीपल प्रोमिला अरोड़ा, प्रो: आदर्श परति, प्रो: मनजीत कौर पड्डा, प्रो: जसवीर कौर सोहल, प्रो: परमजीत कौर, डा. हरभजन सिंह, बिक्रमजीत बिक्की और पिड़ के अन्य सदस्यों ने संयुक्त तौर पर अदा की। विरासती मेले दौरान बी.के. विरदी, सोनिया विरदी, श्रीमती दूहड़े, प्रसिद्ध कलाकार सरबजीत सिंह चीमा, प्रो: कुलवंत सिंह औजला, डा. आसा सिंह घुम्मण, डा. सुखविंदर सिंह रंधावा, प्रिंसीपल डा. जसवीर सिंह आनंदपुर साहिब, डा. हरमनबीर गिल, डा. कुलविंदर कौर चंडीगढ़, डा. नीलम सेठी प्रिंसीपल जी.एन.डी.यू. कलानौर, डा. सरदूल सिंह औजला, सरबजीत सैणी, गौतम, आर.सी. बिरहा, विनय आहूजा, चावला, कलाकार दलजीत बसरा, रणजोध सिंह मम्मण बटाला, बलविंदर सिंह धालीवाल, तरसेम सिंह, प्रदीप कौर, मनप्रीत कौर, गगनदीप कौर, विकास भुटानी और मंच संचालन की भूमिका निभाने पर अरविंदर सिंह भट्टी, प्रो: बरन कौर मान, अदाकार अमन, बलजीत शर्मा के अतिरिक्त अन्य गणमान्यों को सम्मानित किया गया। मेले दौरान शेरे पंजाब कल्चर्ल प्रमोशन कौंसिल बटाला के भांगड़े की टीम ने बलबीर सिंह कोहला और रणजोध सिंह मम्मण की अध्यक्षता में डा. बरजिन्दर सिंह हमदर्द की ओर से गाए गए चर्चित लोक गीत तेरे बाजरे दी राखी दिऊरा मैं ना बैहंदी वे पर भांगड़ा पेश कर मेले को पैर थिरकाने के लिए मज़बूर किया। इसी तरह फाज़िल्का के बुजुर्ग कलाकारों की ओर से पेश झूमर आकर्षण का केंद्र रहा। मेले का उद्घाटन सोनिया विरदी ने किया और जागो जगाने की रस्म श्रीमती और गौतम अग्रवाल और श्रीमती और विनय आहूजा ने निभाई। इस अवसर पर प्रसिद्ध शायर कंवर इकबाल सिंह, वी.के. सचदेवा, जयपाल गोयल, सुरिंदरपाल सिंह खालसा, खलार सिंह धम्म एडवोकेट, सचिन अरोड़ा, नरिंदर नीत, अवतार सिंह, डा. दलजीत सिंह, विमल अरोड़ा, इंद्र मोहन सिंह, अजीतपाल सिंह नाफरे, डा. सौरव लक्खन पाल, प्रो: मधु सेठी, प्रो: बलजिंदर कौर, प्रो: अमृत आहलूवालिया, प्रिंसीपल सुंदर सिंह वधवा, सुखजीत सिंह भच्चू, शिवांगी गौतम, गायक दलविंदर दयालपुरी, परमजीत कौर जालन्धर के अतिरिक्त पंजाब के विभिन्न हिस्सों से संबंधित अन्य कई प्रमुख शख्सियतें बड़ी संख्या में उपस्थित थी। मेले में उपस्थित गणमान्यों ने पंजाब की प्रसिद्ध गायिका लाची बावा की आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन धारण कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।