टोक्यो ओलम्पिक से हॉकी के नये युग की  शुरुआत

इस बार टोक्यो ओलम्पिक-2020 का आरंभ और अंत भारत के लिए भाग्यशाली रहा। पहले ही दिन मीरा बाई चानू ने भारत की झोली में रजत पदक डाला। जब हम औपचारिक अलविदा कहने की तैयारी कर रहे थे तो हरियाणा के पानीपत जिले के एक नौजवान खिलाड़ी जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीत कर हाथों पर सरसों जमा दी और इस दिन को एक एतिहासिक बना दिया।  इस अंतिम समय में ही भारत ने जर्मनी को मैच हरा कर कांस्य पदक जीता और हॉकी को नया जीनव दिया, जिससे भारत में और विशेष तौर पर पंजाब में हॉकी की की रौनकें फिर लौट आई हैं। सरकार ने खिलाड़ियों के लिए ईनामों की झड़ी लगा दी। समूचे तौर पर भी भारत की यह लम्बे समय के बाद सबसे बड़ी जीत है। इस वापसी को सही ढंग से सोच-विचार करने की आवश्यता है। खेल विशेषज्ञ यह राय दे रहे हैं कि नि:संदेह हॉकी में सुधार हुआ है परन्तु क्या समूचे तौर पर हम सभी संसार में खेलों के इस महाकुम्भ में कोई ताकत बन सके हैं, यह बड़ा प्रश्न है। हमें अपनी आबादी के अनुकूल बनने के लिए कई प्रयास और विचार-विमर्श करके ठोस योजनाबंदी की आवश्यकता है। प्रत्येक देश अब अपना लेखा-जोखा कर रहा है कि उसकी इन खेलों में क्या उपलब्धि है। इस बात को जानने के लिए पदक तालिका को पहला आधार बनाया जाता है। इस सूची के अनुसार भारत को इसमें 7 पदकों के साथ 48वां स्थान प्राप्त हुआ है। जैसे-जैसे यह मैच चलते रहे, इस का स्थान बदलता गया परन्तु अंत में यह 48वां स्थान भी बना। 2020 की विशेष उपलब्धि यह रही कि हॉकी में हमारे पुरुषों ने बड़ा उल्टफेर करते हुए जर्मनी जैसी दिग्गज टीम को 5-4 से हरा कर कांस्य पदक प्राप्त किया। इन 5 गोलों में 2 गोल सिमरन जीत ने, एक गोल हार्दिक ने, एक गोल हरमनप्रीत ने और आखिर में एक गोल रुपिन्दरपाल ने किया। यही इतिहास महिला वर्ग में भी दोहराया गया है। खेल प्रेमी यह भली-भांति जानते हैं कि पुरुष वर्ग में हम हॉकी में 8 स्वर्ण जीत हैं। इसलिए यह उम्मीद सदा हमारे मन में रहती है कि हॉकी में वह सुनहरी युग कब आएगा।  महिला वर्ग में हम अभी तक कोई पदक प्राप्त नहीं कर सके और यह उम्मीद अंत तक की जाती रही है कि परन्तु अब की हॉकी इस किस्म की बन चुकी है मैच के अंत तक इसकी हार-जीत का कोई पता नहीं चलता। परन्तु हमारी महिला टीम ने जिस तरह के खेल में कुशलता दिखाई है, उससे सभी के दिल जीत लिये। एक विस्तृत योजनाबंदी हमारा सही मार्ग दर्शन कर सकती है।  

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