विश्व विरासत दिवस पर विरासती स्मारक रहे नज़र अंदाज़

अमृतसर, 18 अप्रैल (सुरिन्दर कोछड़) : लम्बे समय से रख-रखाव से संबंधित विभागों की अनदेखी का शिकार होते आ रहे स्थानीय विरासती स्मारकों की आज विश्व विरासती दिवस अवसर पर भी पंजाब सैर सपाटा विभाग या प्रशासन द्वारा कोई सुध नहीं ली गई। परिणाम आज विशेष दिवस के अवसर पर भी स्थानीय विरासती स्मारकों में वीरानगी छाई रही। वर्णनीय है कि शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह से संबंधित अमृतसर  मध्य विरासती स्मारकों के नवनिर्माण पर लगभग पिछले 15 वर्षों में केन्द्र व राज्य सरकार का करोड़ों रुपया खर्च किया जा चुका है, जबकि आज भी उक्त स्मारक स्वयं से इंसाफ किए जाने की दुहाई देते  प्रतीत हो रहे हैं। इन स्मारकों का दुखांत यह भी है कि कोई एक दहाका पहले इनके नवनिर्माण को ले कर सूबा और केन्द्र सरकार ने रुचि तों ज़रूर दिखाई, पर साथ ही नवनिर्माण करवाने वाली निजी संस्थाओं ने इन स्मारकों के प्रति बेरुखी करते हुए इनसे संबंधित इतिहास को खुर्द-बुर्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी। जिसके चलते जहां अमृतसर स्थित शेर-ए-पंजाब  से संबंधित स्मारकों, राम बाग, समर पैलेस, बारादरी पुल मोरां और शहर की ऐतिहासिक दीवार पर दरवाज़ों के नवनिर्माण में तेज़ी नहीं आ सकी, वहीं बाग राजा रुलिया राम, बुंगा रामगढ़ीया, तलाब समद-जू-कश्मीरी आदि को बिल्कुल नज़र अंदाज़ कर दिया है।