नशा पीड़ितों के पुनर्वास को लेकर चिंतित हुई सरकार

चंडीगढ़, 24 जून (विक्रमजीत सिंह मान): सत्ता में आने से पहले कांग्रेस पार्टी ने बड़े ज़ोर-शोर से राज्य में ड्रग के मुद्दे को प्रचार कर नशे 4 सप्ताह में बंद करवाने का वायदा किया था। मुख्यमंत्री के अनुसार उनके द्वारा इस रैकेट की कमर तोड़ने की बात कही गई थी तथा यह काम कर भी दिया गया, परन्तु राज्य में नशों का मुकम्मल सफाया न हो सका। जहां पिछले दिनों पंजाब पुलिस द्वारा नशों के मुकम्मल सफाई के लिए नया एक्शन प्लान तैयार करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई थी, उसी तरह अढ़ाई वर्ष बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग को आखिर नशा पीड़ितों के पुनर्वास की चिंता सताने लगी है। विभाग द्वारा नशा छुड़ाओ केन्द्रों के संचालकों की एक अहम बैठक दो दिनों बाद बुला ली है। इस बात का खुलासा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कुछ चुनिंदा पत्रकारों के साथ आज पंजाब सिविल सचिवालय में बातचीत करते हुए किया। उन्होंने कहा कि नशा छुड़ाओ केन्द्रों के संचालकों से नशा पीड़ितों संबंधी हर छोटी जानकारी व संबंधित फीडबैक लेकर इस दिशा में काम किया जाएगा ताकि नौजवानों को इस दलदल से बाहर निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस मामले में गंभीरता से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिकायतों व स्थिति को देखते हुए राज्य के ड्रग इंस्पैक्टरों व वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले किए जाएंगे। स. सिद्धू ने कहा कि केवल नशा रोकना ही नहीं बल्कि नशे की गिरफ्त में आए नौजवानों को नशे से बाहर निकाल कर पुनर्वास की ओर ले जाने का काम भी पंजाब सरकार करेगी।अस्पताल में होगी अचानक छापेमारी : स्वास्थ्य मंत्री ने बातचीत करते हुए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकारी अस्पतालों को आम लोगों के पक्षीय बनाने के लिए उनके द्वारा अस्पतालों में अचानक छापेमारी व दौरे किए जाएंगे तथा यह सुनिश्चित बनाया जाएगा कि अस्पतालों में दी जाती दवाइयां लोगों को उपलब्ध हो सकें।