गुप्तांग पर जख्म न होने का मतलब दुष्कर्म नहीं हुआ

चंडीगढ़, 21 अक्तूबर (सुरजीत सिंह सत्ती): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में चार वर्ष पहले हुए सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में चार आरोपियों को बरी करार देने के विरुद्ध चंडीगढ़ पुलिस की अपील खारिज करते कहा है कि गुप्तांग पर जख्म न होने के सीधे संकेत हैं कि दुष्कर्म नहीं हुआ और यह सहमति से बनाया शारीरिक सम्बन्ध था। इस केस में सैशन कोर्ट ने चार आरोपियों को मैडीकल रिपोर्ट के आधार पर बरी कर दिया था। मैडीकल रिपोर्ट के आधार पर डाक्टरों ने निचली अदालत का ध्यान दिलाया था कि गुप्तांग पर किसी तरह का जख्म नहीं है, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि शारीरिक सम्बन्ध सहमति से बनाया गया। बैंच ने वैसे भी कहा कि आरोपी अमित का कहना था कि उसके लड़की के साथ प्रेम सम्बन्ध थे। दरअसल अमित सहित सन्नी, कन्नु एवं विकास को निचली अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण करने और मिलीभगत के मामले में से बरी कर दिया था और पुलिस ने इस फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। अपील में कहा गया था कि लड़की एक धार्मिक समारोह में गई और घर नहीं लौटी, जिस पर पिता ने शिकायत दी और बाद में उपरोक्त चारों आरोपियों को गिरफ्तार करने में पता चला कि जागरण में से किसी लड़की को अपहरण कर लिया गया और सैक्टर-42 के एक होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया गया।