श्री ननकाना साहिब में सजाया अलौकिक नगर कीर्तन

सुरिन्दर कोछड़
अमृतसर, 12 नवम्बर : पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा जन्म अस्थान श्री ननकाना साहिब में पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित आज श्री अखंड पाठ साहिब के भोग उपरांत विशाल तथा अलौकिक नगर कीर्तन सजाया गया। 
नगर कीर्तन आरंभ किये जाने से पहले लाहौर से गुरु घर के श्रद्धालु सैय्यद ज़मील अब्बास शाह द्वारा गुरुद्वारा जन्म अस्थान से गुरुद्वारा क्यारा साहिब के लगभग डेढ़ किलोमीटर के नगर कीर्तन के रास्ते पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पावन सवारी हेतु रैड कारपेट बिछाये गये। नगर कीर्तन में गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी हेतु इंग्लैंड की संगत द्वारा भेंट की गई पालकी बस को रंग बिरंगे ़खूबसूरत फूलों और हारों से सजाया गया। साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्र छाया और पांच प्यारों के नेतृत्व में यह महान नगर कीर्तन ़खालसाई शानो-शौकत पर ‘बोले सो निहाल’ के जैकारों से गुरुद्वारा जन्म अस्थान श्री ननकाना साहिब से रवाना हो कर गुरुद्वारा पट्टी साहिब, गुरुद्वारा तंबू साहिब, गुरुद्वारा पांचवीं-छेवी पातशाही, और गुरुद्वारा माल जी साहिब से होता हुआ गुरुद्वारा क्यारा साहिब में पहुंचा। नगर कीर्तन के गुरुद्वारा क्यारा साहिब पहुंचने के उपरांत अरदास की गई और वहां थोड़ी देर रुकने के पश्चात् इसी रास्ते नगर कीर्तन वापिस गुरुद्वारा श्री जन्म अस्थान में पहुंचकर सम्पन्न हुआ। सुंदर पालकी साहिब के सबसे आगे पांच प्यारों द्वारा नगर कीर्तन का नेतृत्व किया गया। नगर कीर्तन में श्री ननकाना साहिब के सिख स्कूल के विद्यार्थी केसरी दस्तारें सजा कर ़खालसाई बाने में शामिल हुए और विद्यार्थियों ने बैंड तथा गतका पार्टियों ने कला के जौहर दिखाये। 
नगर कीर्तन में रागी, ढाडी तथा कीर्तनी जत्थों ने श्री गुरु नानक देव जी की महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री नूर उल्ल कादरी और पाकिस्तान के संघीय गृह मंत्री ब्रिगेडियर (सेवा मुक्त) इजाज़ शाह द्वारा 550 रुपये वाला यादगारी सिक्का और 20 रुपये की कीमत वाली डाक टिकट भी जारी की गई।
श्री ननकाना साहिब से बाबर जालंधरी ने ‘अजीत समाचार’ से उक्त जानकारी सांझा करते हुए बताया कि श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व मौके पाकिस्तान के प्रदेश सिंध, ़खैबर पख्तूनखवा, बलोचिस्तान सहित सूबा पंजाब के विभिन्न शहरों सहित भारत, इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, इटली, अ़फगानिस्तान आदि अन्य देशों से 30 हज़ार के करीब संगत ने गुरुद्वारा जन्म अस्थान में माथा टेका और गुरु घर का आशीर्वाद प्राप्त किया।