युवा पीढ़ी को जागरूक किया जाए

देश की जनता की प्रतिबद्धता नैतिक मूल्यों के प्रति होनी चाहिए न कि व्यक्ति के प्रति, वैसे लोकतंत्र में व्यक्ति का महत्व है लेकिन कब जब नैतिक मूल्यों, सिद्धांतों और आदर्शों को अपनाए। समाज में आज इनका अभाव हो गया है। वर्तमान समय में देश के लगभग सभी राजनीतिक दलों की कथनी और करनी में भारी अंतर देखने को मिल रहा है। क्योंकि इन दलों से जुड़े अधिकांश नेताओं को सिर्फ अपना ही स्वार्थ दिखाई दे रहा है। इनके लिए जनता की समस्याएं हाशिये में चली गई हैं। जनता के लिए तो उनके पास कोई कार्यक्रम नहीं है और अब उन्हें अपना जनाधार खिसकता दिखाई देता है। इसे बचाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाते हैं। देश की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। यदि समय रहते इस देश की स्थिति पर काबू नहीं पाया गया तो राष्ट्रीय चरित्र का और अधिक पतन हो जायेगा। इसलिए ज़रूरी है कि देश और समाज में नैतिक मूल्यों के निर्माण के लिए युवा पीढ़ी को जागरुक किया जाए।

—सुभाष पुरी ‘राही’