लाहौर में मनाया अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

अमृतसर, 21 फरवरी (सुरिन्द्र कोछड़): अंतर्राष्ट्रीय मां बोली दिवस पर आज लाहौर की शिमला पहाड़ी स्थित प्रैस क्लब आगे विभिन्न संस्थाओं द्वारा मां-बोली पंजाबी को उसका बनता हक, सम्मान व इन्साफ दिलाने के लिए विशाल स्तर पर रोष प्रदर्शन किया गया। वहां उक्त संस्थाओं के पदाधिकारियों व सदस्यों सहित पंजाबी भाषा सनेही बड़ी संख्या में पंजाब असैंबली में पहुंचे व राज्य सरकार को अदालत द्वारा पंजाब में स्कूली स्तर पर पंजाबी को लाज़मी करने के दिए फैसले को जल्द लागू करने की अपील की। लाहौर से फोन पर ‘अजीत समाचार’ के साथ यह जानकारी साझी करते पंजाबी प्रचार संस्था के सदर अहमद रज़ा व महासचिव बाबर जालंधरी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के पंजाब असैंबली में पहुंचने पर पंजाबी विद्वानों, साहित्यकारों, पत्रकारों आदि ने अपने विचार पेश किए। अहमद रज़ा ने बताया कि पश्चिमी पंजाब में 75.23 फीसदी लोगों द्वारा पंजाबी बोले जाने के बावजूद पंजाबी को प्रमुख भाषा का स्थान नहीं दिया जा सका है। उन्होंने मांग की कि पाकिस्तान के अन्यों की तरह पंजाब प्रांत में मां बोली को लाज़मी किया जाए, कालेजों में पंजाबी प्रोफैसरों की खाली पड़े पदों को भरा जाए, पाक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए पंजाब के स्कूलों में नर्सरी कक्षा से ग्रैजुएशन की पढ़ाई तक पंजाबी को विषय के तौर पर लागू किया जाए, पंजाब असैंबली में पंजाबी बोलने पर लगाई गई पाबंदी को समाप्त किया जाए व स्कूली पंजाबी पुस्तकों में बाबा बुल्ला शाह, शाह हुसैन, बाबा गुरु नानक देव जी, शेख फरीद, वारिस शाह आदि के पंजाबी सूफी कलाम शामिल किए जाएं।