सबसे पहले कब शुरू हुई थी कॉफी ?

‘दीदी, आज सुबह कॉफी पीते हुए मैं अचानक सोचने लगा कि कॉफी को सबसे पहले कब शुरू किया गया होगा?’
‘तुम्हें एक दिलचस्प बात बताती हूं। कॉफी का आनंद सबसे पहले उसे बिना ब्रू किये हुए लिया गया।’
‘अच्छा! कैसे?’
‘पूर्वी अफ्रीका के आदिवासी शताब्दियों से कॉफी पेड़ के फल को फूड के तौरपर प्रयोग करते आ रहे हैं। वह खुले बर्तन में बेर्रीज को रोस्ट करते या उसे जानवर की चर्बी के साथ तैयार करते और उन्हें खाते।’
‘उन्हें इसमें क्या मजा आता होगा?’
‘कॉफी बेर्रीज का जो उत्तेजनाकारी प्रभाव होता है, वह उसका आनंद लेते थे।’
‘वैसे कॉफी का नाम कॉफी कैसे पड़ा होगा?’
‘पहला कॉफी पौधा संभवत: कफ्फ, जोकि इथोपिया का प्रांत है, में उगा। इसी प्रांत ने कॉफी को उसका नाम दिया
होगा। 14वीं शताब्दी में अरब व्यापारी कफ्फ आये और उनका कॉफी बीजों से परिचय हुआ। वह यमन में कॉफी की खेती
करने लगे।’
‘तो यमन में सबसे पहले कॉफी को ब्रू किया गया।’
‘15वीं शताब्दी के मध्य में कॉफी का बेवरीज के रूप में प्रयोग यमन से मक्का पहुंचा और फिर वहां से बगदाद,
काहिरा, दमिश्क व अन्य जगहों पर गया। 1511 में भी काहिरा में कॉफी हाउस थे।’
‘यह तो आश्चर्यजनक है।’ ‘पश्चिमी यूरोप में कॉफी लगभग 1615 में पहुंची। वहां कॉफी से काफी हलचल उत्पन्न हो गई और बहुत लोग कॉफी पीने के विरोध में थे। वह सोचते थे कि कॉफी जहर है।’
‘फिर क्या हुआ?’
‘लेकिन जल्द ही कॉफी हाउसेस इंग्लैंड के सामाजिक जीवन का हिस्सा बन गये। इन कॉफी हाउसेस में इतने सारे लोग जमा हो जाया करते थे कि किंग चार्ल्स-2 को लगा कि वहां सरकार के खिलाफ  साजिश होती है। उन्होंने उन्हें बंद करने का आदेश दिया, लेकिन उस समय तक कॉफी इतनी पॉपुलर हो गई थी कि हाउसेस को खोलना पड़ा।’

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर