यूं बदलिए जिंदगी का रंग

यह सच है कि जीवन कई तरह से मुश्किलों का सागर है और कभी-कभी तो ऐसे मौके भी आते हैं कि व्यक्ति पूरी तरह से हार मान लेता है मगर वह इंसान ही क्या जो परेशानियों से डरकर हार जाए। हमें तो मुकाबला करना है उन सब हालातों का और उन विचारों का जो हमें पीछे करते हैं। इनका सामना करना है, ऐसे-
गुस्सा:- यह ऐसी समस्या है जिससे हर किसी को जूझना पड़ता है। इससे बचने का सबसे सरल व सहज तरीका यह है कि या तो जो दिल के सबसे पास हो, उस व्यक्ति या दोस्त को बात कहकर दिल हल्का और गुस्सा दूर करें या फिर गुस्सा आने पर पूरी भड़ास से एक पत्र लिखें। इसमें सब कुछ लिखें और जब जी भर जाए तो इसे रद्दी की टोकरी में डाल  दें। जला भी सकते हैं। ऐसा करेंगे तो गुस्सा निश्चित ही दूर होगा।
निराशा:- जब मनचाहे सारे काम बिगड़ रहे हों और दिमाग अस्त-व्यस्त हो तो पहले शांति से बैठ जाइए। जब मन एक बिन्दु पर केन्द्रित हो जाए तो स्वयं से पूछिए कि आखिर गलती कहां एवं कैसे हो रही है। यह भी सोचिए कि यह आपकी जिम्मेदारी है या दूसरे की। यकीनन कभी-कभी निराशा मन को बड़ा दु:खी कर  देती है पर फिर भी आत्मविश्वास की कमी न होने दें क्योंकि यही आपका सबसे बड़ा सहयोगी होता है।
तरस:- अक्सर नाकामयाबी व्यक्ति को ऐसी स्थिति में ले आती है कि वह स्वयं पर तरस खाने लगता है पर जब भी ऐसी स्थिति आए, इससे फौरन बाहर निकल आएं। मुश्किल आने पर परेशान होने की बजाए सकारात्मक दिशा में विचार करें और समस्या का हल तलाशें।
आत्मसम्मान:- कुछ भी हो जाए, अपना आत्मसम्मान बरकरार रखें। स्थितियां भले ही आपके पक्ष में न हों, फिर भी स्वयं को एक आत्मविश्वासी व्यक्ति के तौर पर देखें। जो क्षेत्र आपके नहीं हैं, वहां भी प्रयास करें। संभव है कि इस क्षेत्र में आप सफल हों और इससे आपका स्वाभिमान यानी आत्मसम्मान बना रहे। 
डर:- इससे पीछा छुड़ाकर भागना आपको और भी ज्यादा परेशानी दिला सकता है। किसी को साथ लेकर डर पर बात करिए। डरने की अपेक्षा बेहतर है कि उस बात के अच्छे पहलुओं पर भी सोचें। ऐसा करने से आपका डर यकीनन दूर होगा।
जवाबदारी:- केवल बनी हुई परिपाटी पर ही न चलें। इस बात को हमेशा याद रखें कि भले ही आपने किसी की सलाह पर वह कार्य किया हो, अंतिम रूप से जवाबदारी आपकी ही मानी जाएगी।
अगर आप अपनी जिंदगी में ऐसी स्थितियों के अवसर पर स्वयं को अविचलित रखकर इन विचारों पर अमल करेंगे तो निश्चित ही जीवन रंगीन होगा और ये बातें जीवन को महकाएंगी भी।

(युवराज)