एस.वाई.एल. पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा 3 सितम्बर की डैडलाइन को लेकर पंजाब चिंतित


चंडीगढ़, 25 अगस्त  (हरकवलजीत सिंह ): सुप्रीम कोर्ट द्वारा सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण को लेकर पंजाब और हरियाणा को आपसी सहमति बनाने के लिए 3 सितम्बर 2019 तक की डैड लाइन को लेकर पंजाब काफी चिंतित नज़र आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोनों राज्यों को आदेश दिए गए थे कि अगर वह सहमति बनाने में असमर्थ साबित होते हैं तो अदालत अपना फैसला सुना देगा। सुप्रीम कोर्ट इस से पहले नवम्बर 2016 में केन्द्र को आदेश दिए थे कि किसी केन्द्र एजेंसी द्वारा इस नहर का काम पूरा करवाने की ज़िम्मेवारी दिए जाएं। लेकिन पंजाब सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इसके बाद दायर किए गए याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने यह कह कर रखा हुआ है कि पहले राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा नहर बनाने संबंधी लिए फैसले के अमल करे। जबकि राज्य सरकार का यह कहना है कि इस नहर के लिए प्राप्त की गई ज़मीन किसानों को वापिस कर दी गई है और बनी इस नहर का हिस्सा भी लगभग समाप्त हो चुका है और न ही पंजाब के पास नहर में देने के लिए पानी उपलब्ध है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा 3 सितम्बर की डैड लाइन को अंतिम मौका बताते हुए इस संबंधी अपना फैसला देने संबंधी जो संकेत दिया गया था, उससे राज्य सरकार द्वारा यह महसूस ज़रूर किया जा रहा है कि पंजाब को एस.वाई.एल. मुद्दे और दोबारा संकट वाला समय देखने देखने पड़ सकते हैं। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह जो गत दो दिनों से इस मंत्तव्य के लिए दिल्ली में थे द्वारा इस केस में राज्य के वकीलों और कानूनी विशेषज्ञों के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किए गए। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ इस मौके पर राज्य के एडवोकेट सचिव अतुल नंदा, राज्य के मुख्यसचिव और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुरेश कुमार के अतिरिक्त कुछ सीनियर अधिकारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री कल चंडीगढ़ वापिस आ रहे हैं।