" डीसीजीआई द्वारा ई-फार्मेसी पर सख्ती " ऑनलाइन दवा विक्रेताओं पर कार्रवाई के आदेश

देश के 8.50 कैमिस्टों को मिलेगी राहत
अमृतसर,  4 दिसम्बर (गगनदीप शर्मा) : भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा बिना लाइसेंस के ऑनलाइन दवा विक्रेताओं प्रति सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। देश के 29 राज्यों के ड्रग कंट्रोलरों को बिना लाइसेंस कारोबार करके ड्रग एंड कैमिस्ट एक्ट की कथित धज्जियां उड़ाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है। इससे देशभर के 8.50 लाख और पंजाब के 24,500 कैमिस्टों को राहत मिलेगी। पंजाब कैमिस्ट एसोसिएशन (पीसीए) के प्रधान एवं ऑल इंडिया कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (एआईओसीडी) के उपाध्यक्ष सुरिंदर दुग्गल ने बताया कि माननीय अदालत ने पिछले साल दिसंबर में बिना लाइसेंस दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी थी। किसी भी ऑनलाइन दवा विक्रेता को इस तरह का लाइसेंस जारी नहीं किया गया है क्योंकि फिलहाल इस क्षेत्र के विनियमन के लिए समग्र नियम नहीं हैं।  उन्होंने कहा कि ई-फार्मेसी कंपनियां मार्केटप्लेस मॉडल के तहत काम कर रही हैं और लाइसेंसी दवा विक्रेताओं के साथ साझेदारी में चिकित्सक की पर्ची या प्राप्त ऑर्डर के आधार पर दवा की आपूर्ति करती है। उन्होंने कहा कि सरकारी सूत्रों का दावा है कि यदि मौजूदा मॉडल को अनुमति दी जाती है तो फिर इस क्षेत्र के नियमन के लिए नियम बनाने की क्या जरूरत है। ऑनलाइन फार्मेसी के विनियमन के लिए नियमों का मसौदा पिछले साल जारी किया गया था। हालांकि अभी इसे अधिसूचित नहीं किया गया है। ऐसे में जब तक इसे अधिसूचित नहीं किया जाता है तब तक ई-फार्मेसी मॉडल को परिचालन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।