रसोई घर की उपयोगी बातें

यह सच है है भोजन बनाना भी एक कला है। वैसे तो सब्जी को काट कर कोई भी पका  सकता है, दाल कोई भी बना सकता है पर स्वादिष्ट भोजन सब लोग नहीं बना सकते जिसे खाकर सब कहें वाह क्या भोजन है? स्वादिष्ट भोजन के साथ-साथ यदि भोजन पौष्टिक हो तो क्या कहने। ‘सोने पर सुहागा‘ वाली बात चरितार्थ हो जाती है। 
कुछ उपयोगी सुझावों को जान कर आप भी अधिक पौष्टिक भोजन बना सकती हैं।
*  सब्जी छीलने से पहले उसे धो लीजिए। सब्जी को बहुत छोटे टुकड़ों में कभी न काटें क्योंकि अधिक बारीक कटी सब्जी में पोषक तत्व कम होते जाएंगे।
* सलाद वगैरह तभी काटिए जब भोजन 15-2० मिनट में परोसना हो। पहले से कटा सलाद प्रयोग में न लाएं।
*  बासी भोजन प्रयोग में  न लाएं। उसमें पौष्टिक तत्व समाप्त हो जाते हैं। भोजन ताजा बनाइए और खिलाइए। वह अधिक गुणकारी होता है। 
*  नींबू, दही आदि यदि सब्जियों में मिलाए जाएं तो भोजन अधिक स्वादिष्ट होगा और गुणकारी भी क्योंकि ये सब्जियों में विटामिन-सी की मात्रा बनाए रखने में सहायक होते हैं।
*  सोडे का प्रयोग भोजन में न करें। इससे भोजन के विटामिन नष्ट होते हैं।
*  जमीन के अंदर पैदा होने वाली सब्जियां मूली, गाजर, शलजम, अरबी, आलू आदि को अच्छी तरह मल कर धोएं। फिर प्रयोग में लाएं।
*  जितना पानी सब्जी में डालना हो, उतना ही प्रयोग में लाएं। फालतू पानी को फेंकना पड़ता है जिसमें विटामिन भी निकल जाते हैं और सब्जी की पौष्टिकता कम हो जाती है। 
* भोजन को आवश्यकता अनुसार उबालें व पकाएं। अधिक पकाने, उबालने में उसकी पौष्टिकता नष्ट हो जाती है।
*  चावल पकाते समय उतना पानी ही डालें जितना चावलों के पकाने के लिए ज़रूरी हो। अधिक पानी होने पर फेंकने से चावलों के पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
*शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं के रेफ्रिजरेटर में रख दें। जहां तक हो आवश्यकता से अधिक सब्जी फल न खरीदें। ताज़े फल और सब्जियां अधिक गुणकारी होती हैं। (उर्वशी)