अपने विधायकों द्वारा सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए प्रश्नों के कारण ‘कैप्टन’ ‘चिंतित’

चंडीगढ़, 14 दिसम्बर (विक्रमजीत सिंह मान): राज्य सरकार में वित्तीय संकट के साथ-साथ राजनीतिक संकट भी गहरा होता जा रहा है, जिसके चलते मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह मसले को गंभीरता से लेते हुए चिंतित बताए जा रहे हैं। कैप्टन के निकटवर्ती सूत्रों के अनुसार वह इस बात का तोड़ ढूंढने के लिए अपने करीबियों व राजनीतिक विशेषज्ञों से राय सलाह भी कर रहे हैं जहां पिछले समय दौरान कैप्टन नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद चिंतामुक्त हो गए थे कि शायद उनकी पार्टी में एक राजनीतिक विरोधी अब हट गया है परन्तु उनको इस बात का अनुमान शायद नहीं था कि उनकी अपनी सरकार की कारगुज़ारी पर उनके अपने विधायक व मंत्रिमंडल तक प्रश्न खड़े कर सकते हैं। यहां वित्तीय संकट के कारण कैप्टन चुनाव में किए वादे पूरे करने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं, वहीं विधायकों के बागी होने पर भी उनकी चिंता बढ़ी हुई है। बताया जा रहा है कि कैप्टन द्वारा 6 विधायकों को राजनीतिक सलाहकार लगाने का भी यही कारण है कि कहीं न कहीं उनको इस बात का अनुमान हो गया था कि यह विधायक अपनी ही पार्टी के विरुद्ध बागी सुर अलाप सकते हैं, परन्तु 6 विधायकों को मुख्यमंत्री के रूप में सलाहकार लगाए जाने के बाद भी कैप्टन की चिंता घटी नहीं बल्कि बढ़ती जा रही है, जहां एक ओर अढ़ाई वर्ष से सरकार में किसी न किसी अच्छे पद पर एडजस्टमैंट की आशा लेकर बैठे कांग्रेसी वर्कर व पदाधिकारियों में पार्टी के विरुद्ध गुस्सा व रोष बढ़ता जा रहा है। वहीं पार्टी के कई विधायकों समेत पंजाब कांग्रेस प्रधान जाखड़ ने यह कह कर कैप्टन की चिंता में वृद्धि कर दी कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को अब सरकार की कमान अपने हाथों में ले लेनी चाहिए। इसके साथ ही अखिल भारतीय कांग्रेस द्वारा रखी दिल्ली रैली में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह का शामिल न होना भी चर्चा का विषय बना हुआ है। दूसरी ओर कुछ दिनों से पुन: चर्चा में आए पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेसी विधायक स. नवजोत सिंह सिद्धू भी पार्टी की इस रैली में शामिल नहीं हुए।