" हज़ूर साहिब में फंसी संगत का मामला " संगत व उनके पीछे परिवारों में निराशा का आलम

जंडियाला गुरु, 6 अप्रैल (अ.स.): श्री हज़ूर साहिब के दर्शनों को 21 दिन पहले गए क्षेत्र के श्रद्धालुओं के कोरोना वायरस की महामारी के कारण देश भर में लाकडाऊन व कर्फ्यू दौरान यातायात के सभी साधन बंद हो जाने के कारण, वहां फंस जाने पर उनमें तथा उनके पीछे रहते परिवारों में भारी परेशानी पाई जा रही है तथा इन्होंने भारत सरकार से उनको घर-घर पहुंचाने के लिए वाहनों को मंजूरी दिए जाने व शिरोमणि कमेटी के प्रधान भाई गोबिंद सिंह लौंगोवाल तथा पंजाब के सांसदों को यह मुश्किल समय में उनका साथ देने की अपील की। 15 मार्च को जंडियाला गुरु, गून्नोवाल, एकलगड्डा, फत्तूभीला व अन्य गांवों से काफी श्रद्धालु श्री हज़ूर साहिब अबचल नगर, नंदेड़ (महाराष्ट्र) के दर्शनों के लिए अमृतसर से रेलगाड़ी से रवाना हुए, जिनकी 22 मार्च को वापस आने के लिए टिकटें बुक थीं, परन्तु कोरोना के कारण यातायात के सभी साधन बंद होने से श्रद्धालु गुरुद्वारा साहिब में संगत का आना-जाना बंद हो गया तथा सारी संगत इस समय वहां निकट ही गुरुद्वारा लंगर साहिब में चली गई तथा वहां की सरायों में ठहरी है तथा इस गुरुद्वारा साहिब की सेवा संत बाबा नरिन्द्र सिंह तथा संत बाबा बलविन्द्र सिंह कर रहे हैं। श्री हज़ूर साहिब दर्शनों के लिए गए जंडियाला गुरु के स. दविन्द्र सिंह व अन्यों ने ‘अजीत समाचार’ को जानकारी देते हुए बताया कि वह इस समय गुरुद्वारा लंगर साहिब की सरायों में ठहरे हुए हैं तथा चाहे उनको गुरुद्वारा साहिब में किसी भी तरह की कोई मुश्किल नहीं आने दी जा रही परन्तु उनको घरों से आए को लम्बा समय होने पर जहां उनकी परेशानी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है, वहीं उनके पंजाब में घरों में रह रहे शेष सदस्य भी उनकी चिंता कर रहे हैं गुरुद्वारा लंगर साहिब श्री हज़ूर साहिब के सेवादार संत बाबा बलविन्द्र सिंह ने बताया कि वहां 2250 के लगभग बैठी संगत को पंजाब पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात हो चुकी है तथा नांदेड़ के ज़िला कुलैक्टर से भी बात हो चुकी है तथा उनको संगत को पंजाब पहुंचाने के लिए लगभग मंजूरी मिलनी तय है।