बच्चों के लिए भी मेडिटेशन

अभी तक मेडिटेशन बड़ों के लिए काम की चीज़ मानी जाती थी पर आधुनिक समय में बचपन से ही बच्चों पर इतना स्ट्रेस रहता है कि अब उनके लिए भी मेडिटेशन एक लाभप्रद जरिया बन सकता है। बच्चे भी बचपन से स्वयं को तन मन से चुस्त दुरूस्त रख सकते हैं अगर उन्हें बचपन से मेडिटेशन हेतु 5 से 10 मिनट नियमित बैठाया जाए। उनका दिमाग शांत रहेगा और ध्यान केंद्रित रहेगा, तभी पढ़ाई भी पूरे मन से कर पायेंगे।
आइए कुछ तरीके आजमाइये बच्चों को मेडिटेशन कराने के लिए:-
मेडिटेशन के दौरान रिलैक्स करने वाला म्यूजिक लगा सकते हैं ताकि मन एकाग्र रहे।
बच्चों को बताएं कि आंखें बंद कर, ज्ञान मुद्रा में बैठें। जो विचार आ रहे हैं, उन्हें आने दें ताकि अंदर से खाली हो सकें। कुछ दिन तक यही प्रयास करवाएं।
जब मन स्थिर होना प्रारंभ हो तो उन्हें एक स्थान पर फोकस करना सिखाएं जैसे भौंहों के मध्य में, बादलों की दुनियां में, पहाड़ों पर आदि। इससे मन एक स्थान पर स्थिर होना शुरू कर देगा।
बच्चों को ओम ध्वनि बोलना सिखाएं। लंबे गहरे श्वास लेते हुए श्वासों पर ध्यान करें। ओम का लंबा उच्चारण करवाएं 5 से 11 बार। इससे भी मन शांत रहेगा।
इन सबका अभ्यास नियमित करवाएं। तभी लाभ मिलेगा।
मेडिटेशन के लाभ
मेडिटेशन से एकाग्रता बढ़ती है।
दिमाग तेज़ और सक्रिय रहता है।
नियमित अभ्यास से याददाश्त बढ़ती है।
गुस्से पर काबू पाया जा सकता है। अपनी इंद्रियों पर कंट्रोल पा सकते हैं और जल्दी रिएक्ट न करना सीख जाते हैं। 
मन को काबू में रखना सिखाता है।
मन के साथ शरीर में भी स्थिरता बढ़ती है। अगर स्थिरता बढ़ेगी तो पढ़ाई के लिए आप एकाग्रचित होकर बैठ सकते हैं और पढ़ सकते हैं।