हॉकी : एशिया में कायम हुआ भारत की महिला, पुरुष टीमों का वर्चस्व

नई दिल्ली, 31 दिसम्बर (एजैंसी) : साल 2017 भारत को हॉकी में मिली जुली यादें देकर गया है। महिला और पुरुष टीमें कई जगह चूकीं तो कई जगह हारी बाजी को जीतते हुए मैदान मार लिया। सबसे अच्छी बात इस साल भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीमों का एशिया कप जीतना रहा, लेकिन इसी बीच कोच का विवाद भी गाहे-बगाहे सामने आ गया। दोनों टीमों के कोच की नियुक्ति में नाटकीय मोड़ देखने को मिला। हालांकि विवाद से आगे निकलते हुए खेल ने अपनी राह पकड़े रखी और भारत इसमें एक कदम आगे ही बढ़ता दिखा। इसका साफ नजारा सभी ने भुवनेश्वर में हुए हॉकी वर्ल्ड लीग में देखा, जहां हर दिन होने वाले मैचों में दर्शकों की भारी भीड़ कलिंगा स्टेडियम तक पहुंची और भारतीय प्रशंसकों ने अपनी टीम का बढ़-चढ़ उत्साह वर्धन किया।प्रदर्शन पर नजर डाली जाए, तो महिला हॉकी ने साल की शुरुआत अच्छी की। बेलारूस के खिलाफ मार्च में खेली गई पांच मैचों की सीरीज में महिला टीम ने 5-0 से जीत हासिल की। इसके बाद, कनाडा में चिली और कनाडा के साथ त्रिकोणीय सीरीज में भी भारतीय टीम ने संतोषजनक प्रदर्शन किया। भारत और चिली के बीच मैच ड्रॉ रहा, वहीं भारत ने कनाडा को 3-1 से मात दी। महिला हॉकी वर्ल्ड लीग राउंड-2 का खिताब जीतकर भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई। हालांकि, जुलाई में हुए सेमीफाइनल में महिला टीम खास प्रदर्शन नहीं कर पाई और उसे आठवां स्थान हासिल हुआ। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के लिए साल की शुरुआत अच्छी रही। अप्रैल और मई में आयोजित हुए 26वें सुल्तान अजलान शाह में भारत को कांस्य पदक हासिल हुआ। 
उसके पास इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने का मौका था, लेकिन मलेशिया के हाथों 1-0 से मिली हार के कारण वह खिताबी मुकाबले तक नहीं पहुंच सका और न्यूजीलैंड पर मिली 4-0 से जीत के साथ उसे कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। 
महिला हॉकी टीम का प्रदर्शन अब तक ठीक था, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई पांच मैचों की सीरीज में टीम को 0-5 से हार का सामना करना पड़ा, जो भारतीय टीम के लिए बड़ा सबक रही। इस साल महिला और पुरुष टीमों में निरंतरता की कमी भी दिखी। एक टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन और एक टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन का सिलसिला बरकरार था। पुरुष टीम ने जून में हुए वर्ल्ड हॉकी लीग सेमीफाइनल्स में छठा स्थान हासिल किया।  उसने इस टूर्नामेंट में शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन इसे कायम नहीं रख सकी। यूरोप दौरे में भारत की महिला और पुरुष हॉकी टीम का प्रदर्शन अच्छा था। इसके बाद दोनों टीमें आस्ट्रेलिया हॉकी लीग खेलने पहुंची। हालांकि, इससे पहले दोनों टीमों के कोच से जुड़े विवाद ने माहौल गर्म कर दिया था।