आपकी खुशहाली का राज़  होते हैं आपके अच्छे संस्कार

आपकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी दौलत आपके अच्छे संस्कार हैं। आपके अच्छे संस्कार ही आपको सफल होने का गौरव प्रदान करते हैं। अपने गलत होने का एहसास न होना ही सबसे बड़ी रुकावट है। दुनिया के किसी भी बाज़ार से गुण व संस्कार खरीदे नहीं जा सकते, बल्कि ये तो खुद कमाए जाते हैं। अकलमंद कभी भी सही होने की जिद्द नहीं करती। आपकी खुशहाली के ताले की चाबी आपके अच्छे संस्कार हैं। आप अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। दुनिया की बाकी सारी दौलत वे खुद ही कमा लेंगे। आपके अच्छे गुण आपको कभी भी निराश या उदास नहीं होने देंगे। मैं एक अच्छा इन्सान हूं। यह कहना आपका आत्मविश्वास है, लेकिन यह कहना कि सिर्फ मैं ही एक अच्छा इन्सान हूं यह कहना आपका घमंड है। बेटियों का सबसे कीमती दहेज माताओं द्वारा दिए गए अच्छे संस्कार हैं। बेटों के किरदार अच्छे संस्कारों से ऊंचे होते हैं। अक्सर देखा जाता है कि परछाई आपके कद से भी बड़ी नज़र आती है, लेकिन मान-सम्मान किरदार से ही मिलता है। दुनिया में हमारी पहचान हमारे किरदार और गुणों से होती है। अपने बच्चों को अधिक से अधिक पढ़ाएं, साथ-साथ उनमें इन्सानियत वाले गुण भी पैदा करें। दौलत कमाना आपकी योग्यता और मेहनत पर निर्भर करता है। सिर्फ कला ही आपको कलाकार नहीं बनाती। सिर्फ कला का गुण होना ही काफी नहीं, बल्कि एक खुशहाल और खूबसूरत ज़िंदगी व्यतीत करने का ढंग भी आना चाहिए। ज्ञानी और अज्ञानी को समझाया जा सकता है, लेकिन एक अभिमानी को कुछ नहीं समझाया जा सकता और न ही सिखाया जा सकता है क्योंकि वह सीखने को तैयार ही नहीं होता। कहते हैं कि अच्छे लोगों की तलाश करने से अच्छा है कि खुद समझदार बनो। कई बार दूसरों को सहमत करने के लिए खुद कई बार उनसे सहमत होना पड़ता है। नीम के पत्ते चाहे बहुत कड़वे होते हैं। लेकिन उनकी छाया बहुत ठंडी और लाभदायक होती है। एक अच्छी औरत घर के लिए वरदान है। अच्छे संस्कार ज़िंदगी की कई समस्याओं का हल है।कई संस्कार हमें कुदरत की देन हैं, तो कई हमें अपने माता-पिता से प्राप्त होते हैं। कई संस्कार हमें अध्यापकों से मिलते हैं तो कुछ संस्कार हम समाज से सीखते हैं। कम बोलो और अधिक सुनो, क्योंकि जुबान एक है कान दो हैं। सिर्फ दूसरों को सुनना ही काफी नहीं एकांत में बैठकर कभी अपनी भी सुनो। किसी का सहारा बनो, ताकि आपके कंधों पर सिर रखकर किसी का जीना समर्थ हो जाए। संसार में आपकी सुंदरता आपके शारीरिक प्रदर्शन से तय नहीं होती, बल्कि संस्कारों से तय होती है। ज़िंदगी में कई बार बहुत दूर तक जाना पड़ता है। यह जानने के लिए कि कौन हमारे नज़दीक है। एक वर्ष में पचास दोस्त बनाना आसान है, लेकिन पचास वर्ष के लिए एक दोस्त के साथ दोस्ती निभाना बहुत खास है। हमारे संबंध किन लोगों के साथ हैं, इससे ज्यादा यह ज़रूरी है कि हमारे संबंध दूसरों के साथ किस तरह के हैं।

—अमरजीत बराड़