30 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है  दरियाई घोड़ा

अपने वैज्ञानिक नाम ‘हिप्पोपोटेमस’ के नाम से जाना जाने वाला दरियाई घोड़ा हाथी तथा गैंडे के बाद धरती पर सबसे बड़ा जीव है लेकिन इस जानवर की हैरानी में डालने वाली सबसे बड़ी विशेषता यही है कि यह एकमात्र ऐसा जानवर है, जिसके शरीर से गुलाबी पसीना निकलता है। दरियाई घोड़े प्राय: 6 से 10 फुट तक लंबे होते हैं किन्तु कांगो के घने जंगलों में 10 से 14 फुट लंबे दरियाई घोड़े भी देखे जा सकते हैं।
एक व्यस्क दरियाई घोड़े का वजन तकरीबन 3500 पौंड होता है। अपने भारी-भरकम शरीर के बावजूद दरियाई घोड़ा 30 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ लगाने में सक्षम होता है। यह जानवर हर मौसम में ठंडे पानी से भरे दरिया में रहना पसंद करता है किन्तु भोजन के लिए यह ज़मीन पर आता है। घास-फूस, पेड़-पौधों या झाड़ियों के हरे पत्ते तथा जंगली साग-सब्जियां इसका पसंदीदा भोजन हैं। दरियाई घोड़ा एक शाकाहारी जानवर है, जो देर रात को ही भोजन की तलाश में निकलता है और एक रात में करीब 200 पौंड घास व हरी पत्तियां चर जाता है। मादा दरियाई घोड़ा शिशु को 8 माह तक गर्भ में रखती है। नवजात शिशु इतना हृष्ट-पुष्ट एवं शक्तिशाली होता है कि जन्म लेते ही अपनी मां की नकल कर दौड़ने व पानी में तैरने लगता है।

- योगेश कुमार गोयल