महिलाओं को देखने का नज़रिया बदलना होगा : भागवत

नई दिल्ली, 1 दिसम्बर (इंट.): हैदराबाद में एक डाक्टर की सामूहिक दुष्कर्म के बाद बर्बर हत्या की रोंगटे खड़े कर देने वाली हैवानियत से देशभर में आक्रोश है। इस कांड ने दिल्ली के निर्भया कांड की तरह ही देशभर में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। इस बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इस समस्या से निपटने के लिए शासन प्रशासन पर निर्भरता के बजाय सभी को अपने-अपने घरों में पुरुषों को यह सिखाने की नसीहत दी है कि महिलाओं के प्रति कैसा बर्ताव करना चाहिए। दिल्ली में गीता महोत्सव समारोह को सम्बोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए सरकार ने कानून बनाए हैं लेकिन उनका सही से पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सब कुछ प्रशासन पर नहीं छोड़ा जा सकता पुरुषों को यह सिखाए जाने की ज़रूरत है कि महिलाओं के प्रति कैसा व्यवहार करें। भागवत ने कहा कि देश में मातृशक्ति की सुरक्षा परिसर में परिवार में सर्वत्र अक्षुण्ण रहे। सरकार कानून बना चुकी है। कानून का पालन ठीक से हो। शासन प्रशासन की ढिलाई यह नहीं चलेगा, लेकिन शासन प्रशासन पर ही सब छोड़कर नहीं चलेगा क्योेंकि जो ये अपराध करने वाले हैं, उनकी भी माता बहनें हैं, इसीलिए तो उनका अस्तित्व है। उनका किसी ने सिखाया नहीं। अपने घर से प्रारम्भ करना है। पुरुषों की मातृशक्ति की ओर, महिलाओं को देखने का नज़रिया बदलना होगा। यही इन सब बातों को बंद करेगा।