पैरों की पीड़ा से ऐसे करें बचाव

पैरों में कई तरह के घाव होते हैं, कई प्रकार की पीड़ा होती है किंतु स्त्री हो या पुरूष, सभी इसके प्रति लापरवाह देखे जाते हैं। जो पैर शरीर को पूरी तरह संभालकर उसके भार को ढोता है, उसके प्रति लगातार उदासीनता किसी बड़ी समस्या का कारण बन सकती है। प्रतिदिन स्नान करते समय पैर धोते समय एवं रात को सोते समय कुछ मिनट भी इस पर ध्यान देंगे तो आने वाले दिनों की किसी बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है।
असावधानी के कारण सामान्य तौर पर धूल-मिट्टी की परत जम जाती है। त्वचा खुरदरी हो जाती है। एड़ियां फट जाती हैं। नाखून टूट या फट जाते हैं। यदि किसी भी व्यक्ति का मुखड़ा एवं पहरावा सब साफ-सुथरा हो पर पैर गंदे हाें तो यह किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
एड़ी का फटना व पीड़ा होना: पैरों की देखभाल के अभाव के कारण ऐसा होता है। स्नान करते या पैर धोते समय ध्यान देकर उसे नरम दांतों वाले प्लास्टिक ब्रश, खुरदुरे कपड़े या प्यूमिक स्टोन  से साफ करें। पैरों को कपड़े से पोंछकर सुखाएं। सरसों या जैतून का तेल लगाएं अथवा नींबू, गुलाब जल एवं ग्लिसरीन के मिश्रण को लगाएं।
पांवों में सूजन: अधिक भार लेकर चलने अथवा पैरों को अधिक समय तक लटकाकर रखने से पैरों में सूजन आ जाती है। कई लोगों को कड़े जूते-चप्पल अधिक समय तक पहनने के कारण पांवाें में सूजन की शिकायत होती है। सप्ताह में मात्र दो बार गर्म पानी को बाल्टी में भर लें। उसमें सेंधा नमक मिलाएं और पैरों को डालकर रखें तो बहुत राहत मिलेगी।
पांवों में गांठें होना : कई बार टखने के पास, पैरों की बाहरी त्वचा एवं पगतली की त्वचा मोटी हो जाती है जो कालान्तर में कड़ी हो जाती है। यह अपने आप भी हो सकती है। इसके निदान के लिए पैरों में सही नाप के जूते चप्पल पहनें। जूते सैंडिल तंग न हों। इन्हें बीच-बीच में खोलकर पैरों को हवा लगने दें एवं भूमि या भू-तल का स्पर्श होने दें। गांठों को सोप स्टोन से हल्के-हल्के रगड़कर साफ्ट करें।
पैरों में घाव होना:  मधुमेह पीड़ितों को अपने पैरों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कहीं पर भी घाव हों या लाल चकत्ते दिखें तो सतर्क हो जाना चाहिए। तंग जूते सैंडिल एवं कड़े चप्पल पहनने से वे काटते हैं अथवा फफोले पड़ जाते हैं जो घाव में बदल जाते हैं। 
मैल की परत:  कभी-कभी पैरों के अंगूठे व टखने के पास मैल की मोटी परत जमा हो जाती है जो काफी प्रयासों के बाद भी नहीं हटती। अधिक रगड़ने से या खरोंचने से खून निकलने लगता है। हल्दी, नहाने का साबुन व थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर पेस्ट बनाएं। पेस्ट को मैले स्थान पर पट्टी बांधकर रखें। बाद में साफ करें। पूरा मैल उतर जाएगा। हल्दी का पीलापन नहाने, धोने पर साफ हो जाएगा। 
नाखून की समस्या:  पैरों के नाखून भी साफ रखें। नेल पालिश कदापि लगातार न लगाएं। कुछ दिन नेल पालिश न लगाएं इस पर कोल्ड क्रीम से मालिश करें।
पैरों का व्यायाम:  पैरों को सुंदर रखने के लिए हल्की सी कसरत करें। लेटकर या बैठकर पंजों को ऊपर नीचे करें पंद्रह बार करें। पांवों व पंजों को गोलाई से घुमाएं। पांवों का रक्त संचार अच्छी तरह होगा। सख्त तले वाला एवं छोटा जूता, चप्पल, सैंडल कदापि न पहनें। इनको खरीदने के लिए शाम का समय उपयुक्त होता है।

(स्वास्थ्य दर्पण)