बादल ने सबकुछ सुखबीर व हरसिमरत जोड़ी पर छोड़ा

चंडीगढ़, 17 अक्तूबर (एन.एस. परवाना): इस महीने की 21 तारीख को पंजाब विधानसभा के 4 उपचुनावों पर हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों हेतु जो आम चुनाव हो रहे हैं, उसमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने अकाली प्रत्याशियों के चुनावी अभियान की सारी जिम्मेवारी अपनी बेटे स. सुखबीर सिंह के साथ और पुत्रवधू हरसिमरत कौर बादल की जोड़ी को सौंप दी है। यह पहला मौका है कि स. बादल इस बार न तो हरियाणा जा रहे हैं और न ही पंजाब में कहीं सक्रिय हैं। स. बादल बारे यह आम राय पाई जाती है कि जब भी कहीं कोई चुनाव या उपचुनाव की घोषणा हो जाती है तो उनको चुनाव प्रचार पर जाने हेतु चाव चढ़ जाता है, परन्तु इस बार तो वह अपनी उम्र के लिहाज को सामने रखकर कहीं भी सक्रिय दिखाई नहीं दे रहे। हालांकि उनके मुकाबले पर पंजाब में मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह पूरी तरह कांग्रेसी प्रत्याशियों के चुनावी अभियान को गर्माने हेतु पहले दाखा एवं कल उन्होंने जलालाबाद क्षेत्र में कांग्रेसी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रभावशाली रोड शो किए। वर्णनीय बात यह है कि मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह और बादल जोड़ी ने अभी तक मुकेरियां के क्षेत्र में अमली तौर पर कोई सक्रियता नहीं दिखाई और न ही अभी तक कोई चुनावी रैली की है, हालांकि कांग्रेस एवं भाजपा ने चुनावी अभियान को पूरे यौवन पर पहुंचा दिया है। कै. अमरेन्द्र सिंह आज फगवाड़ा जा रहे हैं, जहां उनका कांग्रेसी प्रत्याशियों के समर्थन में रोड शो करने का कार्यक्रम है। अभी तक यह नहीं पता चल सका कि उन्होंने मुकेरियां में कांग्रेसी प्रत्याशी की सहायता हेतु रोड शो पर जाना है कि नहीं? चुनाव प्रचार के अभियान को केवल 2 दिन ही शेष रह गए हैं। शिरोमणि अकाली दल का कहना है कि पंजाब में अकाली प्रत्याशियों का चुनाव अभियान शिखर पर पहुंचाने में नौजवान अकाली नेता स. बिक्रम सिंह मजीठिया की भी भूमिका है। वह कांग्रेसी मंत्रियों ललकारने हेतु कोई भी मौका हाथों से नहीं जाने देते। मुकाबले पर जेल मंत्री स. सुखजिन्द्र सिंह रंधावा एवं ग्रामीण विकास पंचायत मंत्री स. तृप्त राजिन्द्र सिंह बाजवा भी अकालियों को गर्दन से पकड़ते हैं। पंजाब के यह उपचुनाव एवं हरियाणा के आम चुनावों के परिणाम दूर तक निकलेंगे जिनका राष्ट्रीय राजनीति पर भी प्रभाव पड़ सकता है।