अकाली दल कोर कमेटी द्वारा दिल्ली चुनावों बारे फैसला लेने का अधिकार दिल्ली यूनिट के हवाले

चंडीगढ़, 22 जनवरी (अ.स.) : शिरोमणि अकाली दल कोर कमेटी की बैठक आज दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई। कोर कमेटी बारे जानकारी देते हुए पार्टी के प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों का मसला तब का स्थानीय मसला है और इस संबंधी कोई भी फैसला लेने का अधिकार पार्टी की दिल्ली यूनिट को दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की लीडरशिप वहां के सिख नेताओं व सिख संगत के साथ विचार-विमर्श के बाद इस मसले पर फैसला लेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनावों में वह भाजपा के साथ चलना चाहते थे परंतु अब उन्होंने फैसला लेना है कि उन्होंने हमें साथ लेकर चलना है या नहीं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह दिल्ली का स्थानीय मसला है और इसका पंजाब में अकाली-भाजपा के रिश्ताें पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा कल पानी के मुद्दे पर बुलाई सर्वदलीय बैठक में अकाली दल के 3 प्रतिनिधि शामिल हाेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रेम सिंह चंदूमाजरा व महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल इस बैठक में शामिल होकर पार्टी का पक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि पानी के मसले पर जितने भी फैसले अब तक आए हैं, उनमें पंजाब के साथ धक्का ही हुआ है परंतु अकाली का अपने पुराने स्टैंड पर कायम है और पंजाब के पास किसी अन्य प्रदेश को देने के लिए एक बूंद पानी की नहीं। उन्होंने कहा कि रिपेरियन कानून के अनुसार पंजाब के पानी पर किसी दूसरे राज्य का अधिकार नहीं।  एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बैठक बारे कोई विस्तारपूर्वक नोट नहीं आया है, परंतु यदि बैठक में भूमिगत जल बारे विचार होते हैं और पार्टी के प्रतिनिधि अपने सुझाव पेश करेंगे। उन्होंने बताया कि कोर कमेटी बैठक में सदस्यों ने दोहराया है कि अकाली दल सिखों के हितों की रक्षा करने के लिए नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) का समर्थन करता है परंतु साथ ही यह भी चाहता है कि इस एक्ट का दायरा बढ़ाकर मुसलमानाें को भी इसमें शामिल किया जाए। कोर कमेटी ने यह भी मांग की कि राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ व फरीदकोट के विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों खिलाफ बहबल कलां के पूर्व सरपंच की हत्या करने के लिए मामला दर्ज किया जाए, जिस संबंधी पीड़ित परिवार ने खुलासा किया है कि बहबल कां पुलिस गोलीबारी के मुख्य गवाह की मौत की वजह कांग्रेसी नेता थे। इस बैठक में बलविंदर सिंह भूंदड़, चरनजीत सिंह अटवाल, जत्थेदार तोता सिंह, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, हरी सिंह ज़ीरा, महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल, गुलज़ार सिंह रणीके, बीबी जगीर कौर, सिकंदर सिंह मलूका, शरनजीत सिंह ढिल्लों, जगमीत सिंह बराड़, सुरजीत सिंह रखड़ा, डा. दलजीत सिंह चीमा, मनजिंदर सिंह सिरसा, दरबारा सिंह गुरु व बलदेव सिंह मान ने भाग लिया।