अल्पसंख्यकों की पहचान के लिए दिशा-निर्देश जारी करने संबंधी याचिका खारिज

नई दिल्ली, 20 फरवरी (वार्ता) : उच्चतम न्यायालय ने अल्पसंख्यक शब्द को परिभाषित करने और देश के 9 राज्यों में अल्पसंख्यकों की पहचान के लिए दिशा-निर्देश जारी करने संबंधी याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका खारिज कर दी, लेकिन उन्हें संबंधित उच्च न्यायालयों के समक्ष जाने की छूट दे दी। याचिकाकर्ता ने अल्पसंख्यक शब्द की परिभाषा सुनिश्चित करने और 9 राज्यों-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, नगालैंड, मिज़ोरम, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल और लक्षद्वीप-में अल्पसंख्यकों की पहचान के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने इन राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग भी की थी। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को संबंधित उच्च न्यायालय जाने को कहा।